स्वास्थ्य बीमा में जिन रोगों/स्थितियों/घटनाओं को शामिल नहीं किया जाता है उनको हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन कहा जाता है। ऐसी कई प्रकार की चिकित्सीय स्थितियां (हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन) हैं जो आपकी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी द्वारा कवर नहीं की जाती। इसलिए आपके लिए सावधानीपूर्वक पढ़ना अच्छा होगा कि आपकी पॉलिसी में कौन-कौन से एक्सक्लूजन मौजूद है? आम तौर पर, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद बीमित व्यक्ति को ईमेल या डाक के माध्यम से अपने नेटवर्क में डॉक्टरों की एक सूची के साथ नियमों और शर्तों की सूची भी प्राप्त होती है।
हेल्थ इन्शुरन्स दावा अस्वीकृति की संभावनाओं को कम करने के लिए पॉलिसी से संबंधित सभी नियमों, हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन और शर्तों को पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण है। यह उल्लेखनीय है कि बीमा कंपनियां विशिष्ट नीति में बताए गए नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन करती हैं।
जिसका मतलब है कि ग्राहक के दावे को खारिज कर दिया जाएगा यदि चिकित्सा आपातकाल की स्थिति को ग्राहक की पॉलिसी द्वारा कवर नहीं किया जाता।
इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन और पॉलिसी ब्रोचर को पढ़े और खरीदने के बाद पॉलिसी के सभी नियम और शर्तों को तुरंत समझे। हेल्थ इन्शुरन्स खरीदने से पहले नियमों और शर्तों को पढ़ना ज्यादा फायदेमंद होता है इसके लिए आप अपने इन्शुरन्स एजेंट या कंपनी से पॉलिसी ब्रोचर मांग सकते हैं।
इस पोस्ट में, हम प्रमुख बहिष्करण (exclusions) को हाइलाइट कर रहे हैं जो लगभग सभी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में उपलब्ध होते हैं। हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन की पूरी जानकारी आपके बीमाकर्ता के पॉलिसी दस्तावेजों से प्राप्त की जा सकती है।
अक्सर, ग्राहक मानते हैं कि उनकी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी अस्पताल में किए गए सभी चिकित्सा खर्चों को कवर करती हैं।
लेकिन असल में ऐसा नहीं होता, आपके बीमाकर्ता केवल कुछ प्रकार के चिकित्सा खर्चों को कवर करते हैं। हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में कुछ प्रमुख एक्सक्लूजन (exclusions) यहां दिए गए हैं।
हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता? – हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन (Health insurance exclusions)

30 दिन प्रारंभिक प्रतीक्षा अवधि
अक्सर बीमा कंपनियां हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी के पहले 30 दिनों के लिए चिकित्सा खर्चों के लिए स्वास्थ्य कवर प्रदान नहीं करती हैं। शुरू के 30 दिन में सिर्फ दुर्घटना से संबंधित चिकित्सा खर्चों का दावा किया जा सकता है। प्रारंभिक प्रतीक्षा अवधि के 30 दिनों के अनुसार, आपका बीमाकर्ता पॉलिसी के पहले 30 दिनों में चिकित्सा खर्चों (आपातकालीन को छोड़कर) के लिए आपको कोई दावा करने के लिए उत्तरदायी नहीं होता है।
यह नियम अगले वर्षों में लागू नहीं होता है। हेल्थ इन्शुरन्स नवीनीकृत होने पर प्रतीक्षा अवधि ( हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन) फिर से लागू नहीं होती है। लेकिन अगर पॉलिसी को बंद करके फिर से शुरू किया जाता है तो फिर से 30 दिन की प्रतीक्षा से लागू होगी।
मौजूदा मेडिकल स्थितियां
कोई बीमा कंपनी पहले 3-5 वर्षों के लिए मौजूदा चिकित्सा स्थितियों को कवर नहीं करती है। पूर्व-मौजूदा चिकित्सा स्थितियां वह बीमारियां हैं जिनसे बीमित व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त पीड़ित होता है। यही कारण है कि बीमा कंपनी यह पता लगाने के लिए बीमित व्यक्ति की चिकित्सा परीक्षा आयोजित करती है कि वह किसी भी पुरानी बीमारी से पीड़ित है या नहीं।
हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन अनुसार, शुरू के 3 से 5 वर्षों तक धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारियां जैसे कि थायराइड की बीमारी आदि को कवर नहीं किया जाता।
कुछ बीमारियों के कवर लेने के लिए प्रतीक्षा अवधि होती है
30 दिनों की प्रारंभिक प्रतीक्षा अवधि की तरह, बीमा कंपनियां कुछ प्रकार की बीमारियों के लिए कवरेज प्रदान नहीं करती हैं। सूचीबद्ध बीमारियों के लिए कवर पॉलिसीधारक लगातार प्रीमियम का भुगतान करते हुए दूसरे-तीसरे पॉलिसी वर्ष के शुरू होने पर ले सकता है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि यदि अनुग्रह अवधि की समाप्ति के बाद पॉलिसी को दोबारा से शुरू किया जाता है तो सभी प्रकार के बहिष्करण और प्रतीक्षा अवधि (हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन) को पुनः लागू किया जाएगा। यहां कुछ बीमारियां हैं जो बीमा कंपनियां प्रतीक्षा अवधि में डालती हैं।
सही हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन आपकी पॉलिसी पर लिखी होगी लेकिन लगभग सभी पॉलिसियों में इन बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि होती है।
- जोड़ों का बदलना शुरू के दो-तीन साल कवर नहीं किया जाता। लेकिन अगर दुर्घटना की वजह से जोड़ों को बदलना पड़ता है तो इसे कवर किया जाता है।
- बवासीर, पेट संबंधी रोग और डुओडेनल अल्सर
- पित्त और मूत्र प्रणालियों में पथरी होना
- सभी प्रकार के हर्निया और ट्यूमर
- गठिया/संधिशोथ/संधिशोथ/ऑस्टियोआर्थराइटिस/डिस्क प्रोलैप्स
- मोतियाबिंद
- डाइलेशन और क्यूरेटेज
- वैरिकाज – वेंस
- मधुमेह
- लेज़र शल्य चिकित्सा
- सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरट्रोफी
- टॉन्सिल/ कंठग्रंथि पर सर्जरी
परमानेंट हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन – Permanent health insurance exclusions
सभी बहिष्कारों के अलावा, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कुछ स्थायी एक्सक्लूजन हैं जिसका मतलब है कि सीपीडीओ को हेल्थ इन्शुरन्स में कभी कवर नहीं किया जाता। जहां एक निश्चित समय अवधि के बाद अन्य एक्सक्लूजन में बीमाकृत चिकित्सा खर्च और सेवाओं के लिए योग्य हो जाता है वहीं परमानेंट हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन में ऐसा कुछ भी नहीं होता।
लगभग सभी कंपनियों के समान परमानेंट एक्सक्लूजन होते हैं फिर भी अपने स्वयं के नीति दस्तावेज पढ़ने से आपको बेहतर मार्गदर्शन मिल सकता है।
परमानेंट एक्सक्लूजन की एक सूची यहां दी गई है:
- किसी भी तरह की जीवन समर्थन प्रणाली जैसे कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम जो स्वास्थ्य की पिछली स्थिति को पुनर्स्थापित नहीं कर सकती है।
- युद्ध, परमाणु युद्ध, दंगा, रासायनिक संदूषण, आतंकवाद के कार्य आदि के कारण किसी भी बीमारी या चोट के लिए दावा नहीं किया जा सकता।
- अगर बीमित व्यक्ति जानबूझकर खतरे की स्थिति में खुद को डालता है तो वह किसी भी तरह के दावे का हकदार नहीं होता।
- अगर बीमित व्यक्ति अस्पताल में किसी भी प्रकार के उपचार की आवश्यकता के बिना रह रहा है।
- कॉस्मेटिक सर्जरी: अगर बीमाकृत व्यक्ति अपनी वेशभूषा में सुधार करने के लिए एक कॉस्मेटिक सर्जरी चाहता है तो इसके लिए बीमा कंपनी से दावा नहीं मिल सकता।
- दंत चिकित्सा/मौखिक उपचार जिनकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।
- आंख से संबंधित मुद्दों के लिए कोई दावा नहीं मिलता जब तक बीमाधारक को दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।
- अगर बीमाकृत व्यक्ति वैलनेस क्लीनिक, प्राकृतिक देखभाल केंद्र में इलाज लेने के कारण बीमार हो जाता है जो अस्पताल नहीं है।
- एचआईवी और एड्स: ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस या एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम के आवश्यक उपचार के लिए क्लेम नहीं मिलता।
- अगर बीमाकृत आनुवांशिक विकार या समस्या से पीड़ित है।
- दवा की अधिक मात्रा के कारण बीमारी।
- अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद निजी उपचार के लिए दावा नहीं मिलता।
- यदि चिकित्सा अधिकारी या डॉक्टर फिटनेस प्रमाण पत्र देता है कि बीमित व्यक्ति अपने जीवन को आगे बढ़ाने में सक्षम है।
- आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक आदि धाराओं से उपचार के लिए कोई भुगतान नहीं
- मोटापे का उपचार
- जानबूझकर खुद को चोट पहुंचाना
- भाषण और नींद विकार
- अगर बीमित व्यक्ति उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने के लिए इलाज करवाना चाहता है।
ऊपर प्रमुख परमानेंट हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन दिए गए हैं। आपको अपनी मेडिक्लेम पॉलिसी में कुछ और स्थायी बहिष्करण मिल सकते हैं।
नोट: आप एक ऐसी चिकित्सा स्थिति को कवर करने के लिए राइडर खरीद सकते हैं जो आपकी पॉलिसी द्वारा कवर नहीं की जाती।
ध्यान दें: यहां दी गई जानकारी और लाभ केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए हैं और हो सकता है कि आपकी पॉलिसी इन में से कुछ स्थितियों को कवर करती हो। इसीलिए जैसे कि ऊपर बताया गया है कि सही हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेजों को पड़े। वहां आपको सही से पता चलेगा कि आपकी हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता।
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