गैजेट या मोबाइल इन्शुरन्स यह जाने बिना ना खरीदे

गैजेट मोबाइल इन्शुरन्स

एक महंगा गैजेट होने से हमें हमेशा अनावश्यक भय लगा रहता है कि कहीं हम अपना कीमती मोबाइल, लैपटॉप या अन्य गैजेट खो ना दें। आमतौर पर नए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ, ग्राहकों को मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट और सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याओं के लिए एक साल की मुफ्त वारंटी मिलती है। लेकिन, इस तरह की वारंटी पानी या दुर्घटना के कारण हुए नुकसान को कवर नहीं करती है। इसलिए चोरी, तरल/आकस्मिक क्षति के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को सुरक्षित करने के लिए लोग एक अलग गैजेट इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन बिना यह जाने कि आपकी गैजेट या मोबाइल इन्शुरन्स क्या कवर करती है और क्या नहीं इसे खरीदना सही नहीं होता।

यहां हम विस्तार से गैजेट या मोबाइल इन्शुरन्स पर चर्चा करेंगे और इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप आसानी से समझ पाओगे की क्या आपको ऐसी पॉलिसी में पैसे निवेश करने का फायदा होगा या नहीं। हम गैजेट इन्शुरन्स खरीदने से पहले किन-किन पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए और अपनी मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी में कौन से फायदे देखने चाहिए पर चर्चा करेंगे।

हर मोबाइल या गैजेट के लिए इन्शुरन्स पॉलिसी लेना अनिवार्य नहीं होता, हम यह भी देखेंगे कि कौन से गैजेट के लिए हमें पॉलिसी लेनी चाहिए और कौन से के लिए नहीं।

अधिकांश लोग वास्तविक नियमों और शर्तों को जाने बिना गैजेट बीमा खरीदते हैं। ऐसे परिदृश्य में, लोग व्यर्थ बीमा पॉलिसियों पर अपना पैसा बर्बाद करते हैं। जिसमें बहुत ही परिष्कृत दावा प्रक्रियाएं होती हैं और बहुत बड़ी मूल्यह्रास होती है।

गैजेट का बीमा करवाने का निर्णय वास्तव में एक अच्छा निर्णय होता है (आमतौर पर महंगे गैजेट्स के लिए)। लेकिन यदि आप विभिन्न प्रकार की डिडक्शन और एक्सप्लोजन को जाने बिना मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी को खरीदते हैं तो यह बुद्धिमता वाला निर्णय नहीं होगा।

गैजेट या मोबाइल इन्शुरन्स खरीदते वक्त ध्यान रखें इन बातों का

गैजेट मोबाइल इन्शुरन्स

मोबाइल इन्शुरन्स के फायदे

  • मोबाइल इन्शुरन्स आमतौर पर गलती से मोबाइल का टूटना, पानी डलने से मोबाइल बंद हो जाना या किसी खराबी के कारण फोन का डेड हो जाने को कवर करता है। यहां नीचे कुछ स्थितियां बताई गई है जिनको गैजेट इन्शुरन्स कवर करता है।
  • पानी में गिरने की वजह से फोन के बंद हो जाने को इसमें कवर किया जाता है।
  • दुर्घटना या गलती के कारण उनके टूट जाने को भी कवर किया जाता है।
  • फोन का चिप खराब हो जाना या कोई पुर्जा खराब हो जाने पर भी क्लेम लिया जा सकता है।
  • मोबाइल स्क्रीन के टूट जाने पर क्लेम मिलता है।
  • फोन का आग में गिर जाने पर दावा किया जा सकता है।
  • किसी आतंकवादी गतिविधि या दंगों में अगर फोन को किसी तरह का नुकसान हो तो इसको भी कवर किया जाता है।
  • गैजेट या मोबाइल के चोरी हो जाने पर भी दावा मिलता है।

ध्यान दें: हर तरह के नुकसान की भरपाई गैजेट इन्शुरन्स में नहीं की जाती। आगे आप पढ़ेंगे की इसमें में कौन सी स्थितियों में क्लेम नहीं मिलता।

मोबाइल बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले अच्छी तरह जाने कि आपकी पॉलिसी में कौन-सी स्थितियां कवर की जाती है।

पढ़ें: जीवन बीमा एजेंट कैसे बने

बहिष्करण (Exclusions)

कुछ पूर्वनिर्धारित परिस्थितियां हैं जिनमें यदि आपका मोबाइल या गैजेट, जिसका आपने इन्शुरन्स करवाया है, गुम या क्षतिग्रस्त हो जाता है तो आपको कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इन्शुरन्स पॉलिसी में जिन परिस्थितियों को कवर नहीं किया जाता उन्हें एक्सक्लूजन कहा जाता है।

मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक गैजट इन्शुरन्स खरीदते समय सबसे महत्वपूर्ण काम यही जानना होता है कि आपकी पॉलिसी में क्या कवर किया जाता है और क्या नहीं।

कुछ खास परिस्थितियों में गैजेट गुम या क्षतिग्रस्त होने पर आपका बीमाकर्ता आपके लिए किसी भी दावे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होता है। यहाँ कुछ मुख्य बहिष्करण दिए गए हैं। सही जानकारी आपको अपनी मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी पर मिलेगी।

नोट: हर कंपनी में एक्सक्लूजन अलग-अलग होते हैं।

  • यदि आप अपने बीमाकर्ता को निर्दिष्ट समय के भीतर अपनी खोई हुई संपत्ति के बारे में सूचित नहीं करते हैं। आमतौर पर क्षति या चोरी के बारे में कंपनी को सूचित करने के लिए पॉलिसीधारक के पास 24 से 48 घंटे का समय होता है। अगर इस समय अवधि के बाद कंपनी को सूचित किया जाता है तो कंपनी मोबाइल इन्शुरन्स क्लेम देने से मना कर सकती है।
  • मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदने के बाद 24 से 48 घंटे का वेटिंग पीरियड होता है उदाहरण के लिए यदि आपने पॉलिसी का कवर शुरू होने से पहले अपना डिवाइस खो दिया है तो आपको कोई दावा नहीं दिया जाएगा।
  • युद्ध, दंगा, परमाणु हमला आदि के कारण नुकसान अगर नहीं किया जाता। नोट: कुछ पॉलिसियों में इन्हें कवर किया जाता है।
  • कवर, हेडसेट, चार्जर के लिए कोई दावा नहीं मिलता।
  • बैटरी के विस्फोट के कारण नुकसान की भरपाई नहीं की जाती।
  • शारीरिक गतिविधियों के कारण क्षति जहां क्षति का खतरा बढ़ जाता है उदाहरण के लिए तैराकी, स्काइडाइविंग, स्कूबा डाइविंग आदि।
  • चोरी के अलावा कोई रहस्यमयी गुमशुदगी।
  • सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याएं या कैमरे से संबंधित क्षति।
  • पॉलिसी के द्वारा कवर किए जाने वाले क्षेत्र के बाहर अगर चोरी या क्षति होती है तो उसके लिए दवा नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिए अगर आप किसी दूसरे देश में जाते हैं तो।
मोबाइल इन्शुरन्स के फायदे

मोबाइल इन्शुरन्स कवर शुरू करने की प्रक्रिया

एक और महत्वपूर्ण बात यह जानना है कि क्या कोई सेवा शुरू करने की प्रक्रिया है या नहीं? आमतौर पर, आपका सेवा कवर आपके गैजेट के लिए बीमा खरीदने के बाद 24-48 घंटों के भीतर शुरू होता है। लेकिन कुछ मामलों में आपको अपना मोबाइल बीमा कवर शुरू करने के लिए एक सक्रियण प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।

यदि आप इसका पालन नहीं करते हैं तो आप किसी भी प्रकार के दावे के लिए पात्र नहीं होंगे। चाहे आपने अपनी पॉलिसी प्रीमियम का भुगतान किया हो। इसलिए अपने बीमा प्रदाता से इस बारे में पूछें और अगर कोई ऐसी प्रक्रिया है तो उसे पूरा करें।

बीमा वैधता और अधिकतम दावे

अपने मूल्यवान गैजेट के लिए इन्शुरन्स खरीदते समय संपूर्ण बीमा कवर में दी गई वैधता और अधिकतम दावों को देखना न भूलें। गैजेट/मोबाइल बीमा के लिए बीमा कंपनियां 6 महीने से 2 साल की वैधता देती हैं। इसलिए आपके लिए यह जानना अच्छा होगा कि आप अपने बीमा की वैधता देखें।

अगर आपकी मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी 6 महीने से कम का कवर प्रदान कर रही है तो इसे मत खरीदे। ऐसी पॉलिसी खरीदें जिसमें कम से कम 1 साल के लिए कवर दिया जाए।

इसके बाद यह भी जानने की कोशिश करें कि आप पॉलिसी के दौरान ज्यादा से ज्यादा कितने क्लेम कर सकते हैं। गैजेट इन्शुरन्स में क्लेम करने की अधिकतम संख्या तय की जाती है। अगर उससे ज्यादा क्लेम हो जाए तो क्लेम नहीं मिलता।

कंपनियां आपको अपने गैजेट बीमा के लिए असीमित दावे नहीं देती हैं इसलिए यह पता करें कि आप कितने दावे दर्ज कर सकते हैं?

ज्यादातर मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसियों में मोबाइल स्क्रीन के टूट जाने को कवर किया जाता है लेकिन बैक-कवर के टूट जाने पर कवर नहीं मिलता। यह जानने की कोशिश करें कि क्या आपकी पॉलिसी फोन के पिछले हिस्से जैसे कि बैक कवर आदि को कवर करती है या नहीं?

देखें: भारत की मोबाइल बीमा कंपनियां

मूल्यह्रास (Depreciation) प्रतिशत जानने की कोशिश करें

यदि आपने अपना उपकरण खो दिया है तो आपके खोए हुए गैजेट का मूल्य उसके वर्तमान बाजार मूल्य से निर्धारित होगा। इसके वर्तमान बाजार मूल्य का निर्धारण करने के बाद, आपको मूल्यह्रास के बाद भुगतान किया जाएगा। मूल्यह्रास का प्रतिशत कंपनियों में भिन्न होता है।

कुछ कंपनियां आपके खोए हुए डिवाइस की लागत के बराबर मुआवजा प्रदान करती हैं और कुछ वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपने ₹20000 का फोन खरीदा है और 6 महीने बाद आपका फोन गुम हो जाता है। इस स्थिति में कंपनी आपको अंदाजन 30% (₹6000) का मूल्यह्रास काट कर क्लेम की राशि देगी। यहाँ एक अनुमानित मूल्यह्रास चार्ट यहां दिया गया है।

क्षति या गुम होने तक मोबाइल की आयु मूल्यह्रास का प्रतिशत
6 महीने तक20%
6 महीने से 1 साल30%
1 साल से 2 साल तक40%
2 साल से 2 साल तक60%

सेवा शुल्क

कुछ कंपनियां अपने ग्राहकों को कैशलेस सेवा प्रदान करती हैं और कुछ सेवाएं जैसे कि दावा प्रसंस्करण शुल्क, सेवा शुल्क (मरम्मत के लिए) आदि, प्रदान करने के लिए शुल्क लगाती हैं। सेवा और दावा करने की प्रक्रिया नि: शुल्क होनी चाहिए। मोबाइल इन्शुरन्स खरीदते वक्त यह जांच लें। अगर आप ऐसा नहीं करते तो क्लेम करने पर आपको अतिरिक्त फीस देनी पड़ सकती है।

दावा प्रक्रिया और समय सीमा

आमतौर पर, ग्राहकों को निर्दिष्ट समय के भीतर नुकसान के बारे में बीमाकर्ता को सूचित करना होता है। यदि आप समय सीमा के भीतर सूचित नहीं करते हैं तो आपका बीमाकर्ता आपके दावे को अस्वीकार कर सकता है। तो इसीलिए जब भी मोबाइल गुम या क्षतिग्रस्त हो जाए तो जल्दी से जल्दी बीमा कंपनी को सूचित करें।

गैजेट या मोबाइल इन्शुरन्स क्लेम दर्ज करने की प्रक्रिया

  • ईमेल, एसएमएस, कॉल द्वारा नुकसान के बारे में अपने बीमाकर्ता को सूचित करें और उससे मोबाइल बीमा दावा प्रक्रिया के बारे में पूछें।
  • अपनी बीमा कंपनी की वेबसाइट से दावा प्रपत्र डाउनलोड करें।
  • घोषणा पत्र भरें।
  • फोन का बिल साथ में जोड़ें।
  • अगर फोन चोरी या गुम हुआ है तो FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज करा कर उसकी कॉपी साथ में लगाएं।
  • आपके पते के प्रमाण की एक कॉपी साथ में लगाएं।
  • दावा प्रसंस्करण शुल्क प्रमाण (डिमांड ड्राफ्ट, ऑनलाइन भुगतान प्रमाण आदि) की रसीद लगाएं। (यदि कोई)
  • निर्दिष्ट पते पर सभी दस्तावेजों को कूरियर करें या बीमा कंपनी के दफ्तर में जाकर सारे दस्तावेज जमा करा दें।

ध्यान दें: मोबाइल इन्शुरन्स दावा दर्ज करने की प्रक्रिया हर कंपनी की अलग होती है कुछ में सिर्फ आपको फोन द्वारा कंपनी को सूचित करना होता है और कुछ में ऊपर दिए गए चरणों का पालन करना पड़ता है।

क्या आप अपनी मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं?

समय-समय पर, हम अपने गैजेट बदलते हैं इसलिए यह आपके लिए अच्छा होगा यदि आपकी मोबाइल इन्शुरन्स पॉलिसी हस्तांतरणीय है। ट्रांसफरेबल गैजेट इन्शुरन्स ग्राहकों को अपनी पुरानी गैजेट इन्शुरन्स पॉलिसी नए में ट्रांसफर करने की अनुमति देता है। हालांकि यह ऑप्शन होना अनिवार्य नहीं है लेकिन अगर यह हो तो इसका भविष्य में फायदा हो सकता है।

ऐड-ऑन

ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बीमा कंपनियाँ नए ग्राहकों को निःशुल्क एप्लिकेशन देती हैं उदाहरण के लिए पॉकेट मनी, योर मूवीज, डिट्टो टीवी, लाइव टीवी, मूवीज, वीडियो, हंगामा: फ्री सांग्स एंड वीडियोज, मैज्टर- न्यूज एंड मैगजीन, गेम्स एंड कॉम्प्लिमेंट्री गेम्स आदि। कुछ तो क्लाउड स्टोरेज की सुविधा भी देती है जिसमें आप ऑनलाइन अपने फोटो डॉक्यूमेंट को सेव करके रख सकते हो।

इसी तरह कुछ मुक्त एंटीवायरस भी देती है जिससे आपका फोन वायरस से सुरक्षित रहता है। इसलिए, यह आपके लिए अच्छा होगा यदि आपका बीमाकर्ता आपको इस तरह के मुफ्त ऐड-ऑन दे रहा है।

गैजेट या मोबाइल इन्शुरन्स की तुलना करें

यहां पर हम गलती कर देते हैं और जल्दबाजी में दुकानदार से ही पॉलिसी खरीद लेते हैं जबकि हम ऑनलाइन तुलना करके अपने पैसे बचा सकते हैं। मोबाइल इन्शुरन्स खरीदने से पहले ऑनलाइन पॉलिसी का मूल्य देख ले। अगर आपको ऑनलाइन वहीं पॉलिसी सस्ती मिल रही है तो दुकानदार से बात करें और डिस्काउंट देने के लिए कहे। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो आप ऑनलाइन पॉलिसी खरीदें।

इसी तरह शायद दूसरी कंपनी आपको यही सारी सुविधाएं कम प्रीमियम में दे दे। तो इसीलिए दूसरी कंपनी के बारे में भी जांच लें। लेकिन एक अच्छी गैजेट इन्शुरन्स कंपनी से ही पॉलिसी खरीदें।

रिव्यू पढ़ें

ऑनलाइन गूगल या किसी और सर्च इंजन पर अगर आप मोबाइल इन्शुरन्स कंपनी के नाम के बाद रिव्यू लिखकर सर्च करेंगे तो आपको उस कंपनी के रिव्यू दिख जाएंगे। रिव्यू में कम रिव्यू में कंपनी के ग्राहक अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हैं कि उनको कंपनी की सेवाएं अच्छी लगी क्लेम लेने में उनको कोई दिक्कत आई या नहीं आई और ऐसी और बातें भी शेयर करते हैं और वह बताते हैं कि आपको इस कंपनी का बीमा लेना चाहिए या नहीं।

3-4 अच्छी रिव्यू वेबसाइट पर कंपनी के रिव्यू पढ़ें। जिससे आपको अंदाजा लग जाएगा कि कंपनी की सेवाएं अच्छी है या नहीं। अगर ज्यादा लोग कंपनी के खिलाफ बोल रहे हैं तो आपको ऐसी कंपनी से पॉलिसी लेने में परहेज करना चाहिए। लेकिन एक वेबसाइट के रिव्यू पड़ने पर ही यह निर्णय ना ले।

किस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए गैजट इन्शुरन्स खरीदें?

अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजट का बीमा करवाना एक अच्छी बात है लेकिन हर एक गैजेट के लिए बीमा पॉलिसी लेना फायदेमंद नहीं होता। उदाहरण के लिए अगर आपका इलेक्ट्रॉनिक गैजट (मोबाइल) सस्ता है और बाजार में उसकी रिपेयर भी सस्ती हो जाती है तो ऐसे फोन का बीमा करवाना ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा।

दूसरी तरफ अगर आपने एक महंगा मोबाइल, लैपटॉप या टीवी लिया है तो ऐसे उपकरणों का बीमा करवाने का फायदा होगा। क्योंकि अगर ऐसे उपकरण खराब हो जाए तो इनकी मरम्मत पर बहुत ज्यादा पैसे लगते हैं।

तो यहां पर आपके लिए साधारण थंब रूल यह है कि अगर आपका गैजेट महंगा है तो उसके लिए पॉलिसी लें अन्यथा सस्ते गैजेट के लिए पॉलिसी खरीद कर पैसे बर्बाद मत करें।

अंतिम शब्द:

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का बीमा करना वास्तव में एक अच्छा निर्णय है लेकिन आपको अपने कीमती गैजेट के लिए बीमा पॉलिसी खरीदते समय बहुत सावधान रहना होगा। उस पॉलिसी के नियमों और शर्तों को पढ़े। बिना पढ़े कभी भी अपने डिवाइस के लिए बीमा पॉलिसी न खरीदें।

अपने मोबाइल या गैजेट के लिए एक सर्वश्रेष्ठ बीमाकर्ता खोजने के लिए, पहले अपने पसंदीदा बीमाकर्ताओं की एक सूची बनाएं () और फिर उनके द्वारा दी गई सेवाओं और सुविधाओं की तुलना करें।

ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें। ये आपको सर्वश्रेष्ठ बीमाकर्ता चुनने में मदद कर सकते हैं। कभी भी केवल एक समीक्षा वेबसाइट के साथ न जाएं, विभिन्न वेबसाइटों से समीक्षा पढ़ें।