गोल्ड ईटीएफ क्या है? गोल्ड ईटीएफ कैसे खरीदे?

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित है एवं स्टॉक मार्केट में डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध है। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक मार्केट एवं गोल्ड निवेश का संयुक्त रूप है। गोल्ड ईटीएफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) एवं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में अन्य स्टॉक की भांति ही सूचीबद्ध है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गोल्ड ईटीएफ क्या है और गोल्ड ईटीएफ कैसे खरीदे।

99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित होने के कारण गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग संपूर्ण रूप से पारदर्शी है। डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग अन्य स्टॉक की भांति ही की जा सकती है। इस लेख में हम देखेंगे कि किस प्रकार गोल्ड ईटीएफ कि वित्तीय संरचना, निर्माण तंत्र एवं वस्तु आधारित विशेषताएं इसे अन्य गोल्ड निवेशकों से बेहतर बनाती है।

गोल्ड ईटीएफ का क्या उद्देश्य है?

गोल्ड ईटीएफ का उपयोग एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के रूप में भी किया जा सकता है। इसके द्वारा निवेशक सरलता पूर्वक गोल्ड इंडस्ट्री में निवेश कर सकते हैं। इसके द्वारा निवेशक को सोने के मूल्य में अचानक आने वाले उछाल के कारण आकस्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

गोल्ड ईटीएफ का उपयोग रक्षात्मक निवेश के रूप में भी किया जा सकता है। इसके द्वारा निवेशक स्टॉक मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव को कुछ हद तक सीमित कर सकते हैं जिस कारण यह निवेशकों की निवेश सूची का एक अभिन्न अंग बन चुका है। इसके द्वारा निवेशक बांड की भांति ही आर्थिक उतार-चढ़ाव एवं मुद्रा की कमी जैसे कारणों से अपने निवेश को संरक्षित कर सकते हैं।

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ में निवेश किस प्रकार के निवेशकों के लिए उचित है?

गोल्ड ईटीएफ में निवेश उन निवेशकों के लिए उचित है जो गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं परंतु उनके चोरी होने के जोखिम, बैंक लॉकर में रखे जाने पर लगने वाले भंडारण शुल्क, सोने के गहने के रूप में परिवर्तित करने पर लगने वाले मेकिंग चार्ज एवं वेस्टेज चार्ज से बचना चाहते हैं।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश उन निवेशकों के लिए भी उचित है जो अपनी निवेश सूची को विविधीकरण प्रदान करना चाहते हैं एवं इसके द्वारा स्टॉक मार्केट से संबंधित जोखिम को सीमित करना चाहते हैं।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश पर लगभग 1% ब्रोकरेज शुल्क लागू होता है जो परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले शुल्कों के सामने तुच्छ है।

उपरोक्त विवरण द्वारा यह समझा जा सकता है कि गोल्ड ईटीएफ को अपनी निवेश सूची का अभिन्न अंग बनाना चाहिए एवं इसमें न्यूनतम 10% का निवेश करना चाहिए।

गोल्ड ईटीएफ किस प्रकार कार्य करता है?

गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित है एवं स्टॉक मार्केट में डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध है। गोल्ड ईटीएफ एनएसई एवं बीएसई में अन्य स्टॉक की भांति सूचीबद्ध है।

गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग एनएसई एवं बीएसई में डिमैट अकाउंट एवं ट्रेडिंग अकाउंट के द्वारा की जाती है। इनकी ट्रेडिंग के लिए निवेशक द्वारा ब्रोकरेज शुल्क एवं नाम मात्र फंड मैनेजमेंट शुल्क का भुगतान किया जाता है।

गोल्ड ईटीएफ जोखिम के अधीन है। 99.5% सोने के में होने में आने वाले उतार-चढ़ाव निवेशक को अनुकूल या प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

पैन इंडिया के परिणाम स्वरूप गोल्ड ईटीएफ के मूल्य परंपरागत गोल्ड की अपेक्षाकृत एक समान होते हैं।

गोल्ड ईटीएफ कैसे खरीदे?

मैं व्यक्तिगत रूप से आपको गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए निम्नलिखित प्लेटफार्मों में खाता खोलने की सलाह देता हूं: (इनमें से किसी भी प्लेटफार्म में खाता खोलने के साथ आप गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के साथ-साथ स्टॉक मार्केट में भी निवेश कर सकते हैं और अच्छे से शेयर में निवेश कर धन अर्जित कर सकते हैं)

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के निम्न कदम शामिल है:

  • सर्वप्रथम निवेशक द्वारा ऑनलाइन डीमैट अकाउंट एवं ट्रेडिंग अकाउंट ओपन किया जाता है।
  • अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन किया जाता है।
  • गोल्ड ईटीएफ विकल्पों को ब्राउज़ किया जाता है एवं वांछित विकल्प का चुनाव किया जाता है।
  • ब्रोकर के पोर्टल के माध्यम से वांछित इकाइयों के लिए आर्डर किया जाता है।
  • ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक बैंक अकाउंट द्वारा खरीदी गई इकाइयों से संबंधित राशि का भुगतान किया जाता है।
  • ऑर्डर से संबंधित कंफर्मेशन मेल निवेशक के फोन नंबर एवं ईमेल एड्रेस पर भेजी जाती है।
  • खरीदी गई यूनिट निवेशक से संबंधित डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है।
  • ऑर्डर से संबंधित कंफर्मेशन मेल निवेशक के फोन नंबर एवं ईमेल एड्रेस पर भेजी जाती है।

गोल्ड ईटीएफ पर किस प्रकार कर लागू होता है?

गोल्ड ईटीएफ पर परंपरागत गोल्ड की भांति ही कर लागू होता है।

यदि निवेशक द्वारा गोल्ड ईटीएफ की खरीद के 36 महीनों से पूर्व रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का जाता है। इससे प्राप्त आय को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा गोल्ड ईटीएफ की खरीद के 36 महीनों के पश्चात रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लोंग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सर चार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस (4%) इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।

गोल्ड ईटीएफ को किस प्रकार बेचा एवं रिडीम किया जाता है?

गोल्ड ईटीएफ को निवेशक के द्वारा अपने डीमैट अकाउंट एवं ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा बेचा जाता है।

गोल्ड ईटीएफ के रिडीम होने की स्थिति में निवेशक को परंपरागत गोल्ड की अपेक्षाकृत 99.5% शुद्ध सोने के समतुल्य नगद भुगतान किया जाता है।

गोल्ड ईटीएफ के फायदे

गोल्ड ईटीएफ में निवेश निवेशकों के लिए अनेकों प्रकार से फायदेमंद है:

  • अतिरिक्त शुल्क: गोल्ड ईटीएफ में निवेश पर लगभग 1% ब्रोकरेज शुल्क लागू होता है एवं किसी अन्य प्रकार का अतिरिक्त शुल्क लागू नहीं होता है। यह परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले शुल्कों के सामने नाम मात्र है।
  • कॉलेटरल सिक्योरिटी: गोल्ड ईटीएफ का उपयोग कॉलेटरल सिक्योरिटी के रूप में भी किया जा सकता है। ऋण उपलब्ध करवाने के लिए गोल्ड ईटीएफ का कॉलेटरल सिक्योरिटी (जमानत) के रूप में उपयोग अति सरल है।
  • छोटी इकाइयां: गोल्ड ईटीएफ का छोटी इकाइयों (1 ग्राम) में मौजूद होना निवेशक को लाभान्वित करता है। निवेशक अपनी क्षमता के अनुसार इकाइयां खरीद सकता है एवं अपनी जरूरत के अनुसार इकाइयां बेच सकता है।
  • जोखिम: गोल्ड ईटीएफ अन्य स्टॉक की तुलना में कम जोखिम पूर्ण है क्योंकि इनके मूल्यों में अपेक्षाकृत बहुत कम परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
  • टैक्स: गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होते हैं एवं किसी अन्य प्रकार के अतिरिक्त टैक्स लागू नहीं होते हैं। यह परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले टैक्स के सामने नाम मात्र है
  • सहज खरीद-फरोख्त :गोल्ड ईटीएफ डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण अन्य स्टॉक की भांति स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से सरलता पूर्वक की जा सकती है।
  • लचीलापन: डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग अन्य स्टॉक की भांति ही की जा सकती है। इनकी ट्रेडिंग में पारंपरिक गोल्ड की भांति कभी भी एंटर एवं एग्जिट किया जा सकता है।
  • शुद्ध गोल्ड: गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित है।
  • पारदर्शिता: गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित होने के कारण यह पूर्णरूप से पारदर्शी है।
  • टैक्स: गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होते हैं एवं किसी अन्य प्रकार के अतिरिक्त टैक्स (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स, वैल्यू ऐडेड टैक्स एवं वेल्थ टैक्स) लागू नहीं होते हैं। यह परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले टैक्स के सामने नाम मात्र है।
  • लिक्विडिटी: डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होना गोल्ड ईटीएफ को अत्यधिक लिक्विडिटी प्रदान करता है एवं इनकी ट्रेडिंग अन्य स्टॉक की भांति एक ही दैनिक सत्र ही की जा सकती है। इनकी ट्रेडिंग के लिए निवेशक द्वारा ब्रोकरेज शुल्क एवं नाम मात्र फंड मैनेजमेंट शुल्क का भुगतान किया जाता है।

निष्कर्ष: गोल्ड ईटीएफ परंपरागत गोल्ड की अपेक्षाकृत अत्यधिक फायदेमंद है। गोल्ड ईटीएफ का उपयोग कॉलेटरल सिक्योरिटी के रूप में किया जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशक को 99.5% शुद्ध सोने के आधार पर रिटर्न प्रदान करता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को पारदर्शिता,ट्रेडिंग की सुविधा एवं स्थिरता प्रदान करता है क्योंकि गोल्ड के मूल्यों में बहुत कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इस प्रकार गोल्ड ईटीएफ में स्टॉक मार्केट एवं गोल्ड दोनों की विशेषताएं सम्मिलित हैं जो इसे निवेश के सभी श्रेष्ठ विकल्पों की श्रेणी में सूचीबद्ध करती हैं।