पॉलिसीधारक अपनी बीमा पॉलिसी को मेच्योरिटी से पहले सरेंडर कर सकते हैं अगर उन्होंने शुरुआत से तीन या पांच वर्षों के लिए प्रीमियम का भुगतान किया है (नई यूनिट लिंकड पॉलिसी के लिए, आईआरडीएआई ने लॉक-इन, पॉलिसी सेरेंडर करने का कम से कम समय, को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया है)। यदि पॉलिसीधारक प्रारंभ से कम से कम तीन या पांच साल के लिए प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहता है तो वह सरेंडर वैल्यू या पेड-अप वैल्यू प्राप्त करने के हकदार नहीं होता। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि जीवन बीमा पॉलिसी बंद कैसे करें?
जैसे कि ऊपर बताया गया है की बीमा पॉलिसी को सरेंडर करने के लिए पॉलिसीधारक को कम से कम लॉक इन पीरियड तक का प्रीमियम भरना पड़ता है जो आमतौर पर 3 से 5 साल तक का होता है अगर आपने अपनी बीमा पॉलिसी का प्रीमियम तब तक भरा है तो आप अपनी जीवन बीमा पॉलिसी बंद कर सकते हैं।
इस पोस्ट में, हम चर्चा करेंगे कि बीमा पॉलिसी सरेंडर कैसे करें। लेकिन पॉलिसी समर्पण की प्रक्रिया का वर्णन करने से पहले हम सलाह देते हैं कि आप पॉलिसी सरेंडर करने के फायदे और नुकसान के बारे में जान ले क्योंकि कुछ ही कारणों में बीमा पॉलिसी सेरेंडर करना सही होता है।
इसके अतिरिक्त हम सुझाव देते हैं कि ऐसा करने से पहले आप अन्य विकल्पों का पता लगाएं जैसे कि अपनी पॉलिसी पेड-अप पॉलिसी में बदलें, अपनी पॉलिसी पर लोन लें, और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पार्शियल विड्रोल कर ले।
इस क्षेत्र के अधिकांश विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इंश्योरेंस पॉलिसी बंद करना पॉलिसीधारकों के लिए अच्छा विकल्प नहीं होता क्योंकि ऐसा करके उन्हें केवल अपने प्रीमियम का एक छोटा सा हिस्सा मिलता है।

पेड-अप वैल्यू और सेरेंडर वैल्यू क्या होती है?
पेड-अप वैल्यू: यदि पॉलिसीधारक लॉक-इन अवधि के बाद प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है लेकिन पॉलिसी सरेंडर नहीं करता है तो वह अपनी पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी में परिवर्तित सकता है और पॉलिसी अवधि समाप्त होने के बाद बीमा कंपनी पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के अनुसार उसे बीमा राशि का भुगतान करती है।
पेड-अप पॉलिसी से प्राप्त राशि को पेड-अप वैल्यू कहा जाता है। यहां पर ध्यान दें की हर बीमा पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी में बदला नहीं जा सकता इसलिए अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करें कि क्या आपकी पॉलिसी पेड-अप में बदली जा सकती है या नहीं।
असल में जब बीमा कंपनी को लगता है कि पॉलिसी धारक के द्वारा अदा किए गए प्रीमियम से कितने पैसे जमा हो गए हैं की बाकी का प्रीमियम उस जमा राशि से अदा किया जा सकता है तो कंपनी ग्राहक को ऐसी पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी में बदलने देती है।
सरेंडर वैल्यू: जब कोई व्यक्ति अपनी बीमा पॉलिसी बंद कर देता है तो कंपनी सरेंडर चार्ज लगाकर बाकी के पैसे सरेंडर वैल्यू के रूप में उस व्यक्ति को दे देती है। पॉलिसी सेरेंडर करने से पॉलिसी धारक और कंपनी दोनों का नुकसान होता है। इसलिए बीमा धारक को पॉलिसी बंद करने पर बहुत कम पैसे वापस मिलते हैं।
अगर किसी ने ज्यादा समय के लिए प्रीमियम भर दिया है तो इस स्थिति में पॉलिसी बंद करना अच्छा नहीं होगा। ऐसी स्थिति में पॉलिसी सरेंडर करने की बजाएं अपनी पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी में बदलना ज्यादा अच्छा हो सकता है।
बीमा पॉलिसी बंद करने के फायदे:
- हालांकि इंश्योरेंस पॉलिसी बंद करने का कोई फायदा नहीं होता लेकिन फिर भी कुछ स्थितियों में इसे बंद किया जा सकता है।
- अगर किसी व्यक्ति विशेष के पास एक से ज्यादा बीमा पॉलिसी है या उसने जरूरत से ज्यादा का कवर ले रखा है जिसकी वजह से उसको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ रहा है तो इस तरह की स्थिति में बीमा पॉलिसी बंद की जा सकती है या अगर बीमा करता कवरेज कम करने देता है तो कवरेज को कम किया जा सकता है।
- अगर आपने गलती से ऐसी पॉलिसी चुन ली है जो आपकी जरूरतें पूरी नहीं कर पाएगी तो आप अपनी पॉलिसी को बंद कर सकते हैं। ध्यान दें: हर बीमा पॉलिसी 14 दिन के फ्री-लुक पीरियड के साथ आती है जिसमें अगर बीमा धारक को लगता है कि यह पॉलिसी उसके लिए सही नहीं है तो वह इन 14 दिन में अपनी बीमा पॉलिसी बंद करा कर अपने पैसे वापस ले सकता है। फ्री-लुक पीरियड के बाद बीमा पॉलिसी बंद करने के लिए आपको हर्जाना भरना पड़ता है।
बीमा पॉलिसी बंद करने के नुकसान:
- अगर आपने निश्चित अवधि के लिए अपने प्रीमियम भर दिए हैं उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपकी बीमा पॉलिसी की अवधि 15 साल है और आपने 10 साल तक का प्रीमियम भर दिया है तो ऐसी स्थिति में बीमा पॉलिसी बंद करना बहुत गलत होगा।
- बीमा पॉलिसी बंद करने पर कंपनी हर्जाना लगाती है और पॉलिसी धारक को अदा किए गए प्रीमियम से बहुत कम हिस्सा वापिस मिलते हैं।
- पॉलिसी सेरेंडर चार्जर्स बहुत ही ज्यादा होते हैं।
- हर पॉलिसी में सरेंडर वैल्यू नहीं मिलती है सिर्फ उन पॉलिसियों में सरेंडर वैल्यू दी जाती है जिनमें इन्वेस्टमेंट कॉम्पोनेंट होते हैं।
पॉलिसी बंद करने से पहले आम पूछे जाने वाले सवालों को जानने के लिए पोस्ट को पढ़ें।
बीमा पॉलिसी बंद करने की बजाय आप नीचे दिए गए विकल्पों के बारे में सोच सकते हैं।
आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पार्शियल विड्रोल करें
अगर आप अपनी बीमा पॉलिसी को अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बंद करने जा रहे हैं तो आप अपनी पॉलिसी को पूरा बंद करने की बजाय पार्शियल विड्रोल के बारे में सोच सकते हैं। इसमें पॉलिसी धारक अपनी पॉलिसी में इकट्ठे हुए पैसे में से कुछ पैसे निकलवा सकता है और इससे उसकी पॉलिसी बंद नहीं होगी और पॉलिसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
पॉलिसी पर लोन ले
आपको शायद पता ना हो लेकिन आप अपनी बीमा पॉलिसी को गिरवी रख कर लोन ले सकते हैं। ऐसा करने पर आपकी आर्थिक जरूरत भी पूरी हो जाएगी और आपको अपनी पॉलिसी भी बंद नहीं करनी पड़ेगी।
पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी बना ले
अगर आप अपना प्रीमियम भरने में असमर्थ है तो आप अपनी बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं और उसे कह सकते हैं कि आपकी पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी में बदल दिया जाए। जब आपने एक निश्चित अवधि तक अपना प्रीमियम भर दिया होता है जिसमें इतना कैश वैल्यू भी इकट्ठा हो गया होता है की बाकी के बचते प्रीमियम उस कैश वैल्यू से अदा किए जा सके तो बीमा कंपनी ऐसी पॉलिसी को पेड-अप पॉलिसी में बदलने देती है।
अपनी पॉलिसी को पेड-अप में बदलने पर आपको पॉलिसी का प्रीमियम नहीं भरना पड़ता लेकिन उसके फायदे बरकरार रहते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने इंश्योरेंस एजेंट से संपर्क करें।
जीवन बीमा पॉलिसी आत्मसमर्पण करने से पहले इन विकल्पों पर विचार करें। ज्यादा जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें।
पॉलिसी अपने आप बंद होने दे
अगर आपकी पॉलिसी में सरेंडर करने पर किसी तरह का फायदा नहीं मिलता है तो आप अपना प्रीमियम मत अदा करें जिससे आपकी पॉलिसी अपने आप बंद हो जाएगी।
बीमा पॉलिसी बंद कैसे करें?
अगर ऊपर दिए गए विकल्पों से आप संतुष्ट नहीं है और अपनी पॉलिसी को बंद करना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
बीमा पॉलिसी बंद करने के लिए अपनी बीमा कंपनी की नजदीकी शाखा पर जाएं और पॉलिसी विड्रोल फॉर्म मांगें। आपको असली बीमा पॉलिसी दस्तावेजों के साथ अपना पहचान प्रमाण, बैंक पासबुक, नवीनतम संपर्क विवरण जमा करने की आवश्यकता हो सकती है।
भविष्य के संदर्भ के लिए अपने बीमाकर्ता से रसीद लेना न भूलें।
अपने मूल्यवान समय को बचाने के लिए, आप अपने बीमाकर्ता की वेबसाइट से पॉलिसी सरेंडर फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। आजकल, कई बीमा कंपनियां बीमा पॉलिसी खरीदने और प्रीमियम का भुगतान करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान कर रही हैं इसलिए आप यह पता लगाने के लिए अपने बीमाकर्ता की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं कि वह (बीमाकर्ता) ऑनलाइन पॉलिसी विड्रोल सुविधा प्रदान कर रहा है या नहीं।
सुझाव: जीवन बीमा पॉलिसी बंद करने से पहले अपने इंश्योरेंस एजेंट या किसी मित्र से सलाह ले ले क्योंकि बीच में बीमा पॉलिसी बंद करने से आपको वह लाभ प्राप्त नहीं होंगे जो आपको इसके पूरे होने पर मिलेंगे।
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