टर्म इंश्योरेंस क्या है? Term Insurance क्यों है सबसे अच्छा

टर्म इंश्योरेंस क्या है

टर्म इंश्योरेंस जीवन बीमा का एक प्रकार है। यह जीवन बीमा का शुद्ध रूप है, जिसकी वजह से इसे शुद्ध जीवन बीमा भी कहा जाता है। टर्म लाइफ इंश्योरेंस में निर्धारित अवधि के लिए जो कि 5 साल, 10 साल, 15 साल या अधिकतम 30 साल तक हो सकती है के लिए बीमाधारक को बीमा कंपनी द्वारा कवरेज प्रदान किया जाता है। इस प्रकार के बीमा में पॉलिसी की अवधि पूरी होने के बाद किसी तरह के फायदे नहीं मिलते हैं। मैच्योरिटी के बाद किसी तरह के फायदे ना मिलने के बावजूद भी इस पेशे से जुड़े हुए बुद्धिजीवी टर्म प्लान लेने की सलाह देते हैं। आज हम जानेंगे कि टर्म इंश्योरेंस क्या है (Term Insurance kya hai) और हमें इसे क्यों लेना चाहिए।

अगर आप दुविधा में है कि आपको टर्म इंश्योरेंस खरीदना चाहिए या कोई और लाइफ इंश्योरेंस तो यह पोस्ट आपके लिए है। यकीन मानिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद आपका बहुत फायदा होगा।

टर्म इंश्योरेंस क्या है

टर्म इंश्योरेंस क्या है? – Term Insurance Kya Hai?

टर्म प्लान जीवन बीमा के प्रकारों में से एक है। अगर हम साधारण शब्दों में कहें तो असल जीवन बीमा यही होता है, बाकी के उत्पाद तो बीमा कंपनियां ग्राहक की जरूरत के हिसाब से तैयार करती हैं। इस तरह के बीमा में पॉलिसीधारक की मृत्यु की स्थिति में ही बीमा कंपनी द्वारा बीमा राशि अदा की जाती है।

अगर पॉलिसी के खत्म होने तक बीमाधारक जीवित रहता है तो उसे किसी भी तरह के मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं दिए जाते हैं।

इस पॉलिसी में बीमाधारक एक निश्चित अवधि के लिए बीमा कवर लेता है। टर्म प्लान का प्रीमियम दूसरे जीवन बीमा उत्पादों से बहुत ज्यादा कम होता है उदाहरण के तौर पर यह ₹400 महीने से शुरू हो जाता है।

टर्म प्लान की शर्तों के अनुसार अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है और उसकी पॉलिसी चल रही होती है तो बीमा कंपनी द्वारा बीमा राशि, जिसको हम सम इंश्योर्ड कहते हैं, परिवार या नॉमिनी को दी जाती है।

Term Insurance क्यों है सबसे अच्छा

ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि बीमा एक जोखिम प्रबंधक तकनीक है ना कि एक निवेश का माध्यम। हां, बीमा कंपनियां अलग-अलग तरह के जीवन बीमा प्लान ग्राहकों को लुभाने के लिए लेकर आती हैं जिनमें उनको पॉलिसी खत्म होने पर मेच्योरिटी बेनिफिट दिए जाते हैं। लेकिन यह लाभ दूसरे निवेश माध्यमों से बहुत ज्यादा कम होते हैं।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपकी बीमा कंपनी आपके द्वारा दिए गए प्रीमियम में से ₹2000 निवेश करती है और पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर आपको ₹300000 मिलते हैं। अभी अगर आपने यह ₹2000 प्रति महीना म्यूचल फंड में निवेश किए होते तो आपको 15 से 20 साल बाद कम से कम ₹1000000 मिलते। शायद इससे आपको एक अंदाजा मिल गया होगा कि क्यों टर्म इंश्योरेंस खरीदना अच्छा होता हैं। अगर नहीं तो कोई बात नहीं हम इसे अच्छी तरह से समझते हैं।

ज्यादातर बीमा विशेषज्ञ और फाइनेंशियल एडवाइजर ग्राहकों को जीवन बीमा, यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस, यूनिट लिंक्ड बीमा योजना या एंडाउमेंट लाइफ इन्शुरन्स में निवेश करने की बजाय यह सलाह देते हैं कि ग्राहक टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदे। और बाकी की बचती राशि म्यूचल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट या किसी और सुरक्षित जगह निवेश करें।

अगर बीमा और निवेश को अलग-अलग रखेंगे तो इससे आपका कुछ समय लगेगा लेकिन यकीन मानिए इसका फायदा आपको लाखों में हो सकता है।

अगर आप बीमा एजेंटों से मिले हैं तो आपने देखा होगा कि उनमें से ज्यादातर ने आपको टर्म प्लान लेने के लिए नहीं कहा होगा। अगर कहां है तो यकीन मानिए आपका बीमा एजेंट एक शिक्षित व्यक्ति है जो आपकी जरूरत को समझता है।

ज्यादातर एजेंट जीवन बीमा के दूसरे उत्पाद जैसे की यूनिट लिंक प्लान लेने के लिए ग्राहक को प्रेरित करते हैं इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह होता है कि इस तरह के प्लान बेचने पर एजेंट को 30 से 40% तक की कमीशन मिलती है। लेकिन अगर वही एजेंट टर्म प्लान बेचेगा तो उसे 5 से 10% ही कमीशन मिलेगा।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बीमा की जरूरतें सभी की अलग-अलग होती है। कुछ के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस ही काफी होता है और कुछ को जीवन बीमा के अलग प्लान लेने की जरूरत पड़ती है। लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस और सेहत बीमा का कॉन्बिनेशन अच्छा होता है।

टर्म इंश्योरेंस के लाभ

  • टर्म प्लान में आप बहुत कम प्रीमियम अदा करके बहुत ज्यादा इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं उदाहरण के तौर पर 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम आपको महीने का सिर्फ ₹400 देना पड़ता हैं। अगर इतनी राशि का ही कवर आप जीवन बीमा में लेना चाहते हैं तो आपको महीने का प्रीमियम हजारों में देना पड़ सकता है।
  • दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में बीमा कवर बीमा राशि नॉमिनी को दे दी जाती है। इसमें कुछ बीमारियां भी शामिल होती है जिनके लिए कवर मिल सकता है।
  • जरूरत के हिसाब से टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
  • सेक्शन 80c के अंतर्गत आपको टैक्स में भी छूट मिल सकती है।
  • सम इंश्योर्ड टैक्स फ्री होता है परिवार को इस पर टैक्स भरने की जरूरत नहीं पड़ती।

टर्म लाइफ इंश्योरेंस के प्रकार

टर्म लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम प्रोस्पेक्ट की आयु, बीमा की राशि, और पॉलिसी अवधि के आधार पर तय किया जाता है। जितनी कम आयु में इसे खरीदा जाए उतना ही कम प्रीमियम भरना पड़ता है। टर्म इंश्योरेंस में हमें नीचे दिए गए प्लान देखने को मिलते हैं।

इंक्रीजिंग टर्म लाइफ इंश्योरेंस या बढ़ता मीयादी बीमा – Increasing Term Insurance

इंक्रीजिंग टर्म लाइफ इंश्योरेंस में सम इंश्योर्ड हर साल बढ़ता रहता है। इस पॉलिसी को लेने के लिए आपको ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ता है क्योंकि बीमा राशि हर साल ज्यादा होती रहती है।

डिक्रीजिंग टर्म लाइफ इंश्योरेंस या घटता मीयादी बीमा – Decreasing Term Insurance

इस टर्म प्लान में बीमा राशि हर साल घटती रहती है लेकिन प्रीमियम समान रहता है। इसी कारण इसको डिक्रीजिंग टर्म लाइफ इंश्योरेंस या घटता मीयादी बीमा कहा जाता है। इस प्लान में प्रीमियम कम होता है क्योंकि समय के साथ सम इंश्योर्ड भी कम होता जाता है।

कैशबैक टर्म लाइफ इन्शुरन्स या प्रीमियम वापसी मीयादी बीमा – Cashback Term Life Insurance

इस बीमा में पॉलिसी की अवधि खत्म होने पर पॉलिसीधारक द्वारा अदा किया गया प्रीमियम वापस कर दिया जाता है। टर्म इंश्योरेंस में यह प्लान सबसे महंगा होता है क्योंकि इसमें बीमाधारक द्वारा अदा की गई राशि वापिस कर दी जाती है।

टर्म इंश्योरेंस लेते वक्त किन बातों का रखें ध्यान

क्या मुझे जरूरत है: सबसे पहले यह तय करें कि क्या आपको टर्म प्लान की जरूरत है या नहीं। अगर आप पर आपका परिवार निर्भर करता है तो आपको इसकी जरूरत है। दूसरी तरफ अगर आप पर कोई भी निर्भर नहीं है और आप शादीशुदा भी नहीं है (और जल्दी शादी करने वाले नहीं है) तो आपको इसकी जरूरत नहीं हो सकती है।

इस स्थिति में आपको टर्म इंश्योरेंस खरीदने की बजाय स्वास्थ्य बीमा खरीदना चाहिए और बाकी के पैसे किसी और जगह निवेश करने चाहिए जिससे आपकी भविष्य की जरूरतें पूरी हो सकें।

जरूरत के हिसाब से कवर खरीदें: मीयादी बीमा में प्रीमियम की राशि सम इंश्योर्ड के हिसाब से तय की जाती है। इसीलिए हमेशा अपनी जरूरत के हिसाब से ही कवर ले। अगर आप ज्यादा जरूरत से ज्यादा कवर खरीदेंगे तो आपको ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ेगा। इसी तरह अगर आप कम प्रीमियम लेंगे कम लेंगे तो यह भी अच्छा नहीं होगा। अपनी जरूरतों के अनुसार पर्याप्त सम इंश्योर्ड ले।

बीमा सलाहकार कहते हैं कि एक व्यक्ति को अपनी सलाना आमदन का 10 से 15 गुना का बीमा कवर लेना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सालाना आमदनी ₹1500000 है तो आप एक से डेढ़ करोड रुपए तक का कवर ले।

नॉमिनी: मृत्यु की स्थिति में बीमा कंपनी किस को बीमा राशि दे यह तय करना बहुत आवश्यक होता है। ध्यानपूर्वक अपने नॉमिनी को घोषित करें। आपकी जानकारी के लिए पॉलिसी खरीदने के बाद भी आप अपने नॉमिनी को बदल सकते हैं, अगर आप चाहे तो।

टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम: अपने बीमा प्रीमियम की दूसरी बीमा कंपनियों से तुलना करना ना भूले। इस तरह करने से आपको पता चल जाएगा कि दूसरी बीमा कंपनियां आपके द्वारा तय किए गए सम इंश्योर्ड के लिए कितना प्रीमियम लेती है।

अगर कोई दूसरी बीमा कंपनी जोकि आईआरडीए द्वारा मान्यता प्राप्त है कम प्रीमियम में समान बेनिफिट दे रही है तो आपको उस बीमा कंपनी से कवर खरीदना चाहिए। इस तरह आप सबसे सस्ता टर्म प्लान खरीद सकते हैं।

कैसे हम अपनी बीमा की जरूरतों को पूरा करते हुए कुछ पैसे निवेश के लिए बचा सकते हैं

हम में से ज्यादातर लोग अपने रिश्तेदारों के द्वारा बीमा पॉलिसी खरीदते हैं और उनसे किसी भी तरह का सवाल किए बिना ही पॉलिसी खरीद लेते हैं। ऐसा मेरे साथ भी हुआ है और बाद में मुझे पता चला कि वह पॉलिसी मेरे लिए बिल्कुल भी लाभदायक नहीं थी। मैंने जितना भी प्रीमियम दिया वह सारा मैंने व्यर्थ में अदा किया।

फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के बाद मैंने जाना कि सबसे अच्छा तरीका होता है कि हम एक टर्म प्लान और स्वास्थ्य बीमा प्लान ले (ज्यादातर मामलों में यह फिट बैठता है पर जरूरी नहीं है कि सभी यहीं ले)।

इस तरह करने से हम अच्छे कैसे पैसे अपने प्रीमियम में से बचा सकते हैं और उस बचे हुए पैसे को किसी और अच्छे निवेश माध्यम में लगा सकते हैं। टर्म इंश्योरेंस से हम अपने परिवार को अपनी मृत्यु के बाद आर्थिक तंगीओं से बचा सकते हैं और स्वास्थ्य बीमा लेने से हम अपने आपको दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में आर्थिक तौर से तैयार कर सकते हैं।

टर्म प्लान और स्वास्थ्य बीमा प्लान लेने के बाद बचे हुए पैसे आप म्यूचल फंड, गवर्नमेंट बॉन्ड, फिक्स डिपोजिट या इक्विटी मार्केट (अगर आपको इसका ज्ञान है तो) मे लगा सकते हैं। अगर आपके घर में एक छोटी बेटी है जिसकी उम्र 5 साल से कम है तो आप प्रधानमंत्री सुकन्या योजना ले सकते हैं।

यह एक सुरक्षित माध्यम है जिसमें आपको सलाना 9% तक का रिटर्न मिलता है।

अस्वीकरण: दी गई जानकारी सिर्फ केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है इसे फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर ना ले। ज्यादा जानकारी के लिए अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें।