डिजिटल गोल्ड एवं फिजिकल गोल्ड एवं सॉवरेन गोल्ड में अंतर

यदि आप इस फेस्टिव सीजन में सोने में निवेश के बारे में सोचते हैं तो मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि सोने में निवेश के अनेकों विकल्प मौजूद हैं उदाहरण के तौर पर फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड एवं गोल्ड ईटीएफ। आज हम डिजिटल गोल्ड एवं फिजिकल गोल्ड एवं सॉवरेन गोल्ड में अंतर में जानेंगे।

डिजिटल गोल्ड एवं फिजिकल गोल्ड एवं सॉवरेन गोल्ड में अंतर

निवेशकों द्वारा गोल्ड में निवेश अनेकों विपरीत परिस्थितियों में भी कम नहीं हुआ है क्योंकि इससे संबंधित विशेषताएं इसे अन्य वित्तीय साधनों से अलग करती हैं जैसे जमानत के रूप में उपयोग, कम जोखिम पूर्ण, सहज खरीद-फरोख्त।

निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, सावरेन गोल्ड एवं गोल्ड ईटीएफ जैसे उपलब्ध विकल्पों में से अत्यधिक फायदेमंद विकल्प को ध्यानपूर्वक चुनना चाहिए क्योंकि इन उपलब्ध विकल्पों में से प्रत्येक विकल्प की कुछ विशेषताएं हैं एवं कुछ कमियां भी है। इस लेख में उचित एवं फायदेमंद विकल्प को चुनने के लिए उपरोक्त सभी विकल्पों का फिजिकल गोल्ड के साथ तुलनात्मक विश्लेषण करेंगे।

डिजिटल गोल्ड एवं फिजिकल गोल्ड में अंतर

मापदंडफिजिकल गोल्डडिजिटल गोल्ड
परिभाषाफिजिकल गोल्ड में निवेश आभूषणों, सिक्कों एवं बुलियन के रूप में बैंक एवं ज्वेलर्स से खरीदारी द्वारा किया जाता है।डिजिटल गोल्ड में निवेश अनेकों
ऑनलाइन प्लेटफार्म (गूगल पे, फोन पे एवं पेटीएम इत्यादि) के उपयोग द्वारा किया जाता है।
शुद्धताफिजिकल गोल्ड की शुद्धता 99.5 प्रतिशत या उससे कम हो सकती है।डिजिटल गोल्ड की शुद्धता 99.5% होती है।
मूल्यफिजिकल गोल्ड का मूल्य सदैव एक समान नहीं रहता है क्योंकि यह मांग, आपूर्ति एवं अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है।डिजिटल गोल्ड के इश्यू प्राइस संबंधित कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जाते हैं।
अतिरिक्त मूल्यफिजिकल गोल्ड को गहनों के रूप में खरीदने के लिए लगभग 25% अतिरिक्त मूल्य चुकाना होता है जिसमें मेकिंग चार्जेस, वेस्टेज चार्जेस एवं जीएसटी सम्मिलित होते हैं।डिजिटल गोल्ड में केवल 3% जीएसटी लागू होता है।
निवेशफिजिकल गोल्ड में भारी निवेश की आवश्यकता होती है क्योंकि गोल्ड बुलियन न्यूनतम 10 ग्राम की मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं।डिजिटल गोल्ड के निवेश में लचीलापन होता है क्योंकि इसमें निवेश कीमत अथवा भार के आधार पर किया जा सकता है। डिजिटल गोल्ड में न्यूनतम ₹100 की राशि के साथ भी निवेश किया जा सकता है।
लिक्विडिटीफिजिकल गोल्ड सरलतापूर्वक किसी भी बैंक अथवा ज्वैलर से खरीदे एवं बेचे जा सकते हैं।डिजिटल गोल्ड को कभी भी बेचा जा सकता है एवं सोने के सिक्कों में रिडीम किया जा सकता है एवं होम डिलीवरी भी प्राप्त जा सकती है।
भंडारण शुल्कफिजिकल गोल्ड की सुरक्षा के लिए निवेशक पर बैंक लॉकर के भंडारण शुल्क का भुगतान लागू होता है।डिजिटल गोल्ड की सुरक्षा के लिए नाममात्र भंडारण शुल्क लागू होता है।
कर निर्धारणयदि निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों से पूर्व रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का जाता है। इससे प्राप्त आय को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के पश्चात रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लोंग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सर चार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस (4%) इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।
यदि निवेशक द्वारा डिजिटल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के पहले रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय सख्ती से कर योग्य नहीं है।

यदि निवेशक द्वारा डिजिटल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के बाद रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सरचार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस 4% इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।

मैं व्यक्तिगत रूप से आपको गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए निम्नलिखित प्लेटफार्मों में खाता खोलने की सलाह देता हूं: (इनमें से किसी भी प्लेटफार्म में खाता खोलने के साथ आप गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के साथ-साथ स्टॉक मार्केट में भी निवेश कर सकते हैं और अच्छे से शेयर में निवेश कर धन अर्जित कर सकते हैं)

फिजिकल गोल्ड एवं सावरेन गोल्ड में अंतर

मापदंडफिजिकल गोल्डसावरेन गोल्ड
परिभाषाफिजिकल गोल्ड में निवेश आभूषणों, सिक्कों एवं बुलियन के रूप में बैंक एवं ज्वेलर्स से खरीदारी द्वारा किया जाता है।सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं जिन का प्रमुख उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना है।
शुद्धताफिजिकल गोल्ड की शुद्धता 99.5% या उससे कम हो सकती है।सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सरकार द्वारा प्रदान की गई सिक्योरिटी है जिसकी प्रत्येक यूनिट का मूल्य 99.5% शुद्ध सोने के समतुल्य होता है।
अतिरिक्त मूल्यफिजिकल गोल्ड को गहनों के रूप में खरीदने के लिए लगभग 25% अतिरिक्त मूल्य चुकाना होता है जिसमें मेकिंग चार्जेस, वेस्टेज चार्जेस एवं जीएसटी सम्मिलित होते हैं।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सभी अतिरिक्त खर्चों से पूर्ण रूप से मुक्त है।
निश्चित अवरुद्धता अवधिफिजिकल गोल्ड की कोई निश्चित अवरुद्धता अवधि नहीं होती है।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की निश्चित अवरुद्धता अवधि
5 वर्ष की होती है।
लिक्विडिटीफिजिकल गोल्ड सरलता पूर्वक किसी भी बैंक अथवा ज्वैलर से खरीदे एवं बेचे जा सकते हैं।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 5 वर्ष की निश्चित अवरुद्धता अवधि के पश्चात ही स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
भंडारण शुल्कफिजिकल गोल्ड की सुरक्षा के लिए निवेशक पर बैंक लॉकर के भंडारण शुल्क का भुगतान लागू होता है।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड प्रमाण पत्र एवं डिमैट फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण सुरक्षित एवं भंडारण शुल्क से मुक्त है।
अतिरिक्त लाभफिजिकल गोल्ड किसी भी प्रकार का ब्याज प्रदान नहीं करता है।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश 2.5% की दर से ब्याज प्रदान करता है। गोल्ड के मूल्य में होने वाली वृद्धि एवं इसमें सम्मिलित होने वाला ब्याज इसे और भी सुदृढ़ करते हैं।
निवेशफिजिकल गोल्ड में भारी निवेश की आवश्यकता होती है क्योंकि गोल्ड बुलियन न्यूनतम 10 ग्राम की मात्रा में ही उपलब्ध हैं।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के लिए लचीलापन उपलब्ध है क्योंकि निवेशक 1 ग्राम से निवेश प्रारंभ कर 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकता है।
कर निर्धारणयदि निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों से पूर्व रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का जाता है। इससे प्राप्त आय को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के पश्चात रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लोंग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सर चार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस (4%) इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।
यदि निवेशक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड स्टॉक एक्सचेंज के जरिए 1 वर्ष के भीतर बेचे जाते हैं तो प्राप्त गेन को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड का प्रीमेच्योर विड्रोल किया जाता है तो इससे प्राप्त आय पर कर (20%) लागू होता है।

यदि निवेशक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड का फुल मैच्योरिटी पर विड्रोल किया जाता है इसे प्राप्त आय पर कोई शुल्क लागू नहीं होता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश पर 2.5% की दर से ब्याज प्राप्त होता है। कुल प्राप्त ब्याज को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
डिमैट अकाउंटफिजिकल गोल्ड में डीमैट अकाउंट अनिवार्य नहीं है।यदि निवेशक स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करना चाहता है तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है।

निष्कर्ष

फिजिकल गोल्ड का अन्य विकल्पों के साथ विश्लेषण के आधार पर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम अन्य विकल्पों की अपेक्षाकृत अधिक फायदेमंद है क्योंकि:

  • ऑनलाइन निवेश करने पर ₹50 प्रति ग्राम की बचत होती है।
  • अत्यधिक होल्डिंग पीरियड के परिणाम स्वरूप उच्च रिटर्न संभव है।
  • 2.5% की दर से निरंतर प्राप्त होने वाला ब्याज इसे और अधिक सुदृढ़ करता है।
  • भारत सरकार द्वारा प्राप्त सुरक्षा की गारंटी इसे और अधिक विश्वसनीय बनाती है।
  • इंडेक्सेशन लाभ प्राप्त होता है एवं मैच्योरिटी रिडेंप्शन पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलती है।
  • डिमैट फॉर्म में उपलब्ध होने के परिणाम स्वरूप इनका उपयोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए संभव है।