दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स चोरी, क्षति, चोट, तीसरे पक्ष की देनदारियों आदि के लिए एक व्यक्ति और उसके वाहन को सुरक्षा प्रदान करता है। यात्रा हमारे जीवन का एक हिस्सा है। हम एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल करते हैं और इस दौरान दुर्घटना की संभावना बनी रहती है क्योंकि हजारों वाहन एक ही समय में सड़क पर चल रहे होते हैं। यदि आपका वाहन किसी व्यक्ति या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो वह व्यक्ति मुआवजे की मांग कर सकता है।
ऐसे में, आपको कानूनी रूप से पीड़ित के नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी पड़ती है। यहां मोटर बीमा काम में आता है। एक मोटर बीमा पॉलिसी किसी दुर्घटना में किसी अन्य व्यक्ति/संपत्ति को होने वाली क्षति के लिए भुगतान करती है। कुछ मोटर बीमा पॉलिसियां (पैकेज मोटर बीमा पॉलिसी) बीमाकृत वाहन के नुकसान के लिए भी भुगतान करती हैं।
इस पोस्ट में हम दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स खरीदने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस पर चर्चा करेंगे। इसके साथ हम मोटर बीमा से संबंधित जरूरी बातें पर चर्चा करेंगे जिनका शायद आपको पता ना हो जैसे कि अधिकांश व्हीकल डीलर वाहन बेचते समय ग्राहक को मजबूर करते हैं कि वह उनसे ही मोटर इन्शुरन्स खरीदें।
लेकिन आपकी जानकारी के लिए आईआरडीएआई (जो कि भारत में बीमा उद्योग को नियंत्रित करती है) के नियमों के तहत ग्राहक किसी भी पंजीकृत कंपनी से पॉलिसी खरीद सकते हैं। दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स के बारे में और जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स खरीदने समय ध्यान रखने योग्य बातें

देयता पॉलिसी या पैकेज पॉलिसी
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, देयता (थर्ड पार्टी) बीमा पॉलिसी रखना अनिवार्य है जो दुर्घटना की स्थिति में तीसरे पक्ष की देनदारीओं के लिए सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, अगर आप अतिरिक्त कवर चाहते हैं उदाहरण के लिए अपने वाहन और अपने आप के लिए कवर तो आप पैकेज पॉलिसी या व्यापक मोटर बीमा पॉलिसी चुन सकते हैं।
दोपहिया या कार पैकेज इन्शुरन्स होना फायदेमंद होता क्योंकि यह एक पूर्ण कवर प्रदान करती है। लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप कौन-सी पॉलिसी लेना चाहते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े, “थर्ड पार्टी इन्शुरन्स या कंप्रिहेंसिव: कौन सी पॉलिसी खरीदें?”
मूल्यह्रास (Depreciation)
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स में मूल्यह्रास, वाहन के मूल्य में समय के साथ होने वाली सामान्य टूट-फूट और घिसाई, शामिल होता है। यह स्पष्ट है कि वाहन के यंत्र/पार्ट समय के साथ घिसते है जिसके कारण वाहन कि वह कीमत नहीं रहती जो उसकी खरीदने के वक्त होती है।
इसलिए दावा देने के समय बीमा कंपनी क्लेम राशि का भुगतान करने के लिए मूल्यह्रास (Depreciation) की मात्रा की गणना करती है।
उदाहरण के तौर पर अगर वाहन की उम्र 2 से 3 साल के बीच में है तो कंपनी क्लेम अमाउंट का 70% खुद से देती है और 30% पॉलिसी धारक को खुद से देना पड़ता है। इसलिए कार इन्शुरन्स खरीदते वक्त आपको देखना चाहिए कि आपकी पॉलिसी में कितना मूल्यह्रास लागू है? यहां नीचे अंदाजे के लिए मूल्यह्रास चार्ट दिया गया है।
मूल्यह्रास के लिए | मूल्यह्रास का प्रतिशत |
प्लास्टिक के हिस्सों, रबड़, टायर और ट्यूब, बैटरी, वायु बैग और नायलॉन आदि के लिए | 50% |
कांच से बने भागों के लिए | 0% (लागू नहीं) |
फाइबर ग्लास घटकों के लिए | 30% |
अन्य सभी भागों के लिए मूल्यह्रास की दर: | |
वाहन की आयु | मूल्यह्रास का प्रतिशत |
6 महीने से कम | 5-7% |
6 महीने के लिए लेकिन 1 साल से कम के लिए | 15% |
1 साल से अधिक लेकिन 2 साल से कम | 20% |
2 साल से अधिक लेकिन 3 साल से कम | 30% |
3 साल से अधिक लेकिन 4 साल से कम | 40% |
4 साल से अधिक लेकिन 5 साल से कम | 50% |
आईडीवी (Insured Declared Value)
आईडीवी बीमाकृत घोषित मूल्य होता है। वाहन की चोरी या पूरी तरह क्षति की स्थिति में जो अधिकतम क्लेम राशि आप ले सकते हो उसको हम आईडी भी कहते हैं। साधारण भाषा में आईडीवी का मतलब है कि बीमा कंपनी के हिसाब से आपके वाहन का आज के समय में क्या मूल्य है।
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स खरीदते वक्त आपको आईडीवी की जानकारी होनी चाहिए और आपको यह भी पता होना चाहिए कि बीमा कंपनी के हिसाब से आपके वाहन की आईडी भी क्या है। यहां पर ध्यान दें कि बीमाकृत घोषित मूल्य समय के साथ घटता रहता है।
दोपहिया या कार इन्शुरन्स ऑनलाइन खरीदें
आप अपनी गाड़ी के लिए कार इन्शुरन्स ऑनलाइन खरीद सकते हैं। आजकल, लगभग सभी बीमा कंपनियां नए वाहनों या पुराने वाहनों के लिए ऑनलाइन मोटर इन्शुरन्स खरीदने की सुविधा प्रदान करती हैं। यदि आपने एक नया वाहन खरीदा है तो आप अपने वाहन के लिए एक ऑनलाइन पॉलिसी खरीद सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने मौजूदा मोटर बीमा को भी नवीनीकृत कर सकते हैं।
कार इन्शुरन्स ऑनलाइन में डिस्काउंट मिलने के ज्यादा मौके होते हैं इसलिए किसी इन्शुरन्स एजेंट से बीमा करवाने से पहले ऑनलाइन पॉलिसी का मूल्य चेक कर लेना चाहिए।
समय पर नवीनीकरण के लाभ
यदि पॉलिसीधारक 1 साल के दौरान कोई भी दावा नहीं करता है तो ज्यादातर बीमा कंपनियां ग्राहक को “नो क्लेम बोनस” देती है जिसमें उसे दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स रिन्यू कराने पर डिस्काउंट दिया जाता है। यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी की अवधि खत्म होने से पहले अपनी पॉलिसी को नवीनीकृत करता है और कोई दावा नहीं करता है तो वह “नो क्लेम बोनस (no-claim bonus)” का हकदार होता है; अगर उसकी कंपनी ऐसा बोनस देती हो तो।
अगर पॉलिसीधारक कोई क्लेम किए बिना ही पॉलिसी चलाता रहता है तो कंपनी हर साल नो क्लेम बोनस की मात्रा बढ़ाती रहती है।
आमतौर पर पहले वर्ष कोई क्लेम बोनस नहीं दिया जाता, दूसरे वर्ष के लिए 20% बोनस, तीसरे वर्ष के लिए 35%, चौथे वर्ष के लिए 45%, पांचवें वर्ष के लिए 50% (केवल संकेतक) नो क्लेम बोनस दिया जाता है। जब भी आप अपना बीमा रिन्यू करने जा रहे हो तो अपने इन्शुरन्स एजेंट से नो क्लेम बोनस के बारे में पूछे अगर आपकी बीमा कंपनी आपको ऐसे बोनस नहीं दे रही है तो अच्छा होगा कि आप किसी और बीमा कंपनी से अपना दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स रिन्यू करवाएं।
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स बहिष्करण (Exclusions)
आपकी बीमा कंपनी आपको प्रत्येक दावे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होती। कुछ पूर्वनिर्धारित स्थितियां और परिस्थितियां हैं जिनके अंतर्गत बीमा कंपनियां किसी भी प्रकार का दावा नहीं देती। जो परिस्थितियां मोटर बीमा में कवर नहीं की जाती उनको बीमा की भाषा में बहिष्करण या एक्सक्लूजन कहते हैं।
इसलिए, मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले देखें कि आपकी पॉलिसी में क्या कवर होता है और क्या नहीं? स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा में भी बहिष्करण लागू होते हैं। व्हीकल इन्शुरन्स में शामिल बहिष्करण पर हमने अलग से पोस्ट लिखा है आपको वह पढ़ना चाहिए उसके लिए यहां क्लिक करें।
क्या आपकी व्हीकल इन्शुरन्स कंपनी पंजीकृत है?
यह देखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है कि कंपनी आईआरडीएआई के साथ पंजीकृत है या नहीं। मोटर बीमा गैर-जीवन बीमा या सामान्य बीमा के तहत आता है और वर्तमान में, भारत में 34 पंजीकृत सामान्य बीमा कंपनियां हैं। जब भी आप दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स पॉलिसी खरीद रहे हो तो यह पक्का जांच लें कि कंपनी पंजीकृत है या नहीं।
आईआरडीएआई की वेबसाइट पर जाकर भी गैर-जीवन बीमा कंपनियों की सूची देखी जा सकती है, ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स तुलना करें
बहुत ज्यादा बीमा कंपनियां होने की वजह से ग्राहक को फायदा होता है उदाहरण के तौर पर अगर एक कंपनी आपको 1500 रुपए में मोटर बीमा बेच रही है तो हो सकता है कि दूसरी कंपनी वही सुविधाएं आपको कम पैसे में दे दे। इसलिए, तुलना की मदद से आप बहुत सस्ते दरों पर एक अच्छी दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स पॉलिसी पा सकते हैं।
इंटरनेट पर बहुत से कार इन्शुरन्स कैलकुलेटर वेबसाइट मौजूद हैं आप उन्हें सर्वश्रेष्ठ और सस्ती कार इन्शुरन्स पॉलिसी खोजने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
इन्शुरन्स एजेंट से प्रीमियम में छूट देने के लिए कहे
अगर आप किसी इन्शुरन्स एजेंट से पॉलिसी खरीद रहे हैं तो वह भी आपको अच्छा डिस्काउंट दिलवा सकता है। आमतौर पर बीमा एजेंट के हाथ में होता है कि वह ग्राहक को 15 से 20% का डिस्काउंट दिलवा दे। लेकिन अगर आप छूट के लिए नहीं पूछोगे तो वह आपको कोई भी छूट नहीं देगा क्योंकि इससे उसका मुनाफा कम होता है।
ध्यान रखें: छूट सिर्फ पहले साल के दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स प्रीमियम पर मिलती है बाद में पॉलिसी रिन्यू करवाने पर आपको पूरा प्रीमियम अदा करना पड़ता है।
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स कूलिंग-ऑफ पीरियड (Cooling-off Period)
मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद ग्राहक को “कूलिंग-ऑफ पीरियड” मिलता है। आम तौर पर, ग्राहक को 14 दिनों की कूलिंग-ऑफ अवधि मिलती है इस अवधि के दौरान ग्राहक अपनी पॉलिसी रद्द कर सकता हैं और अपना अदा किया गया प्रीमियम वापस ले सकता हैं।
मोटर बीमा पॉलिसी रद्द करने का अधिकतम समय बीमा कंपनी पर निर्भर करता है लेकिन यह कम से कम 14 दिन का होता है।
कूलिंग-ऑफ पीरियड के दौरान पॉलिसी बंद करने पर बीमा कंपनी जितने दिन तक ग्राहक ने पॉलिसी उपयोग है उतने दिन का भुगतान ले सकती है।
वाहन डीलर से वाहन बीमा खरीदने के लिए कोई बाध्यता नहीं है
वाहन (कार, मोटरसाइकिल, कमर्शियल वाहन इत्यादि) खरीदने के बाद, आपका वाहन डीलर आपको मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए कहता है और ज्यादातर डीलर यह कहते हैं कि बीमा के बिना वह गाड़ी नहीं दे सकते।
आपकी जानकारी के लिए वह सही कहते हैं लेकिन दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स किस कंपनी से खरीदना है वह इसके लिए आपको मजबूर नहीं कर सकते। उससे पूछें, वह कौन-सी बीमा कंपनी की पॉलिसी बेच रहा है?
यदि आप उस बीमा कंपनी की सेवाओं को (आपके वाहन डीलर द्वारा पेश की गई) पसंद करते हैं तो आप मोटर बीमा खरीद सकते हैं अन्यथा आपको किसी अन्य बीमाकर्ता से मोटर बीमा खरीदने का अधिकार है।
आपका वाहन डीलर आपको उसके द्वारा तय की गई कंपनी से मोटर बीमा खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता; यदि वह ऐसा कर रहा है तो सहायता प्राप्त करने के लिए भारत में आईआरडीएआई (हेल्पलाइन नंबर 155255 और 1800-4254-732) जैसे संबंधित प्राधिकारी से संपर्क करें।
ज्यादातर वाहन डीलर अपने ग्राहकों के लिए एक अच्छी दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स कंपनी को ही चुनते हैं। इसीलिए ऐसा करने की जरूरत नहीं पढ़नी चाहिए फिर भी ऐसी जानकारी होना हमेशा फायदेमंद होता है।
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