बीमा किसी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह किसी व्यक्ति को अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। साथ ही साथ वह अपने प्रियजनों को अपनी समयपूर्व मृत्यु पर आने वाली आर्थिक तकलीफों से बचा सकता है। परिवार के मुखिया की मृत्यु होने के बाद परिवार आर्थिक मंदी में आ जाता है और उसका जीवन दूबर हो जाता है। लेकिन जीवन बीमा होने से परिवार को बीमा कंपनी द्वारा आर्थिक सहायता मिलती है। जिससे परिवार का दुख तो कम नहीं होता पर वह आर्थिक तौर पर अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है। आज यहां हम देखेंगे कि जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए या नहीं।
परिपक्वता से पहले बीमा पॉलिसी बंद करना अच्छा फैसला नहीं होता। हालांकि कभी-कभी अनिच्छा से, हमें कुछ परिस्थितियों में ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता पड़ जाती है। यदि आप अपनी पॉलिसी आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं तो इस पोस्ट में हमने बीमा पॉलिसी सरेंडर करने के लाभ और हानियों के बारे में चर्चा की है। जिससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए या नहीं।

क्या जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए?
हमने पहले भी पॉलिसी सरेंडर से संबंधित कुछ पोस्ट लिखे हैं जैसे कि पॉलिसी सरेंडर कैसे करें, पॉलिसी सरेंडर से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल और जवाब, कुछ विकल्प जिनके बारे में बीमा पॉलिसी सरेंडर करने से पहले सोचा जा सकता है। आपको इनको जरूर पढ़ना चाहिए अपना बीमा बंद करने से पहले।
नहीं, बेवजह जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करना अच्छा नहीं होता। अगर आपने एक निश्चित अवधि तक अपना बीमा प्रीमियम भर दिया है तो अब अगर आप अपनी पॉलिसी को सरेंडर कर रहे हैं तो इससे आपको बहुत ज्यादा नुकसान होगा। फिर भी कुछ निश्चित स्थितियां होती है जिनमें पॉलिसी सरेंडर को सही माना जा सकता है। नीचे हम कुछ स्थितियां बता रहे हैं जिनमें पॉलिसी सरेंडर की जा सकती है।
और साथ ही में आपको पॉलिसी सरेंडर के नुकसानो से अवगत कराया जाएगा। इन लाभ और हानियों को पढ़कर आप यह तय कर पाएंगे कि क्या आपको पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए या नहीं।
बीमा पॉलिसी बंद करने के लाभ
परिपक्वता से पॉलिसी सरेंडर करनी सही नहीं होती है। क्योंकि आपको पॉलिसी आत्मसमर्पण करने पर केवल कैश वैल्यू मिलता है जो कि अदा किए गए प्रीमियम का बहुत कम हिस्सा होता है। बीमाकर्ता बचत घटकों में प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश करते हैं। इस हिस्से को कैश वैल्यू कहा जाता है।
असल में, बीमा कंपनियां आपके प्रीमियम को दो घटकों में विभाजित करती हैं 1) सुरक्षा घटक और 2) कैश वैल्यू घटक। बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी कुछ स्थितियों में सही माना जाता है इनमें से कुछ नीचे दी गई।
जरूरत से ज्यादा इन्शुरन्स होना
जरूरत से ज्यादा इन्शुरन्सकवर होना सही नहीं माना जाता। आमतौर पर हमें अपनी वार्षिक आमदन का 10 से 20 गुना कवर लेना चाहिए। अगर आपके पास जरूरत से ज्यादा इन्शुरन्स कवर है तो आप अपनी जेब पर अनावश्यक बोझ डाल रहे हैं।
इसलिए, यदि आपके पास एक से अधिक बीमा पॉलिसी हैं और आपको लगता है कि आपको उन सभी की आवश्यकता नहीं हैं तो आप उन नीतियों को बंद कर सकते हैं जिनकी आपको आवश्यकता नहीं है।
जरूरत से कम बीमा कवरेज होना
यदि आपकी मौजूदा बीमा पॉलिसी आपकी भविष्य की ज़रूरतों से मेल नहीं खाती है या आपको लगता है कि आपके पास अपर्याप्त बीमा कवर है तो आप इसे पॉलिसी सरेंडर कर सकते हैं; यदि यह (मौजूदा नीति) आपको अपने बीमा कवर को बढ़ाने की अनुमति नहीं देती है। लेकिन याद रखें, नई बीमा पॉलिसी के प्रीमियम अधिक होंगे।
अगर आप ऐसी स्थिति में है तो बीमा पॉलिसी बंद करने की बजाय अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करें और ली गई पॉलिसी का बीमा कवर बढ़ाने के बारे में पूछें। जिससे आपका प्रीमियम बढ़ जाएगा और आपका इन्शुरन्स कवर भी।
भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए
यदि आपकी पॉलिसी आपके भविष्य के लक्ष्यों को पूरा नहीं करती हैं तो आप बीमा पॉलिसी सरेंडर करने के बारे में सोच सकते हैं। और ऐसी पॉलिसी ले सकते हैं जो आपकी जरूरतों को पूरा करें। लेकिन इसके साथ जुड़े नुकसान से अवगत रहें जैसे समर्पण शुल्क।
आपातकाल स्थिति में पैसे की जरूरत पूरा करने के लिए
निवेश घटकों के साथ आने वाली जीवन बीमा पॉलिसी में लिक्विडिटी का ऑप्शन बहुत अच्छा होता है। आपातकालीन दुर्घटना जैसी स्थिति से निपटने के लिए पॉलिसी सरेंडर करके पैसे की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। लेकिन ध्यान दें इससे आपको बहुत कम पैसे मिलते हैं।
पॉलिसी बंद करके पैसे की जरूरत को पूरा करने से अच्छा है कि आप अन्य विकल्पों के बारे में सोच ले।
एक अलग पोस्ट में हमने विस्तार में बताया है कि पॉलिसी सरेंडर किए बिना कैसे अपनी पैसे की जरूरत को पूरा कर करें।
पढ़ें: कैसे जांचें कि कोई बीमा कंपनी पंजीकृत है या नहीं?
बीमा पॉलिसी बंद करने के नुकसान
- समय से पहले पॉलिसी बंद करने पर बीमा कंपनी द्वारा जुर्माना लगाया जाता है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कि आप केवल पॉलिसी सरेंडर पर जमा कैश वैल्यू ही प्राप्त करते हैं। बीमा अनुबंध को समाप्त करने के कुछ नुकसान यहां दिए गए हैं।
- इसे रद्द करने के बाद, आप इससे प्राप्त होने वाले सभी लाभों से वंचित हो जाते हैं। सरल शब्दों में, अब आपको बीमा द्वारा कवर नहीं किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी ने आज अपनी पॉलिसी बंद कर दी और अगले ही दिन उसकी किसी दुर्घटना में मृत्यु हो गई तो उस स्थिति में परिवार को बीमा कंपनी द्वारा कोई भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा क्योंकि उसने बीमा पॉलिसी बंद कर दी थी।
- भविष्य में, अगर आप नई बीमा पॉलिसी खरीदते हैं जिसमें आपकी पुरानी पॉलिसी के समान ही लाभ मिलेंगे तो आपको उन्हीं लाभों के लिए ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ेगा क्योंकि बीमा का प्रीमियम आयु के हिसाब से किया जाता है।
- याद रखें कि आपको केवल अपनी पॉलिसी के बचत हिस्से को ही सरेंडर वैल्यू के रूप में दिया जाएगा है।
- कुछ कटौती के बाद आपको सरेंडर वैल्यू मिलती है। आत्मसमर्पण शुल्क और प्रथम वर्ष के प्रीमियम को काट कर आपको सरेंडर वैल्यू दी जाती है जो की अदा किए गए प्रीमियम से बहुत ही कम होती है।
- याद रखें कि सभी नीतियां आत्मसमर्पण मूल्य प्रदान नहीं करती हैं। बचत घटकों के साथ आने वाली बीमा पॉलिसी में ही सरेंडर वैल्यू और कैश वैल्यू होती है।
- यदि आप निर्दिष्ट समय या लॉक-इन अवधि (3 साल या 5 साल) से पहले अपनी पॉलिसी आत्मसमर्पण करते हैं तो आप नकद मूल्य प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे।
- यदि आप पॉलिसी अवधि से पहले आत्मसमर्पण करते हैं तो आप विशेष बोनस प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे।
- सबसे बड़ी बात बीमा पॉलिसी बंद करने के बाद व्यक्ति और उसका परिवार असुरक्षित हो जाता है और पॉलिसी धारक की मृत्यु के बाद परिवार को बीमा कंपनी द्वारा कोई भी सहायता नहीं मिलती है।
बीमा पॉलिसी को बंद करने की बजाय आपको इन विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
“क्या जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए?” के लिए प्रतिक्रिया 2
मैने SBI लाइफ इंश्योरेंस की तीन पालिसी ले रखी हैं जिसका भुगतान मै 9 वर्षो से करता आ रहा हूँ और उनकी मैच्योरिटी क्रमशः 2024 2029 और 2034 में होनी है मेरा पालिसी एजेंट उन्हें सरेंडर करने की सलाह दे रहा है क्या ये उचित होगा ।
बीच में पॉलिसी बंद करने से हमेशा नुकसान होता है क्योंकि आपको तय किए गए लाभ नहीं मिलते हैं और इसके इलावा आपको पॉलिसी सेरेंडर चार्जेस भी पढ़ते हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी मौजूदा पॉलिसी आपकी बीमा जरूरतों को पूरा नहीं करती है तो हां आप इसको सेरेंडर करके एक नई पॉलिसी ले सकते है। यहां पर यह भी ध्यान रखें कि पॉलिसी पोर्टेबिलिटी एक अलग चीज है जिसमें चार्जेस नहीं होते। बीमा पॉलिसी को अगर आप निवेश के तौर पर प्रयोग करते हो तो इसकी बजाय आपको म्यूचल फंड या इक्विटी मार्केट के बारे में जानने की कोशिश करनी चाहिए। ध्यान रखें म्यूच्यूअल फंड और इक्विटी मार्केट जोखिम से संबंधित होती है।
You must log in to post a comment.