मखाना कमल के पौधे के बीज से प्राप्त किया जाता है। यह कमल के पौधे का बीज होता है। कमल के पौधे के बीज को तोड़कर हमें मखाना प्राप्त होता है। यह एक स्वादिष्ट और पोस्टिक गुणों से भरपूर खाने योग्य पदार्थ है जिसे की लगभग सारी दुनिया में उपयोग किया जाता है। आज हम मखाने के फायदे और नुकसान के साथ-साथ इसको खाने के सही तरीके की जानकारी आपसे साझा करेंगे। जिससे कि आप इसके फायदे सही से उठा सकें।
और पढ़े: मखाने खाने के फायदे और नुकसान, खाने का सही तरीकामखाना एक ऊर्जा से भरा हुआ पदार्थ है जिसमें कि कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। मखाने का उपयोग बुखार पाचन तंत्र सुधारने में और अपनी शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए किया जाता है।
तो चलिए सबसे पहले देखते हैं मखाना क्या है?
मखाना क्या है?
जैसे कि ऊपर बताया गया है मखाना कमल के पौधे के बीज होते हैं। मखाना के और भी नाम है जैसे कि फूल मखाना, गोर्गन नट, लोटस सीड इत्यादि। इसे अंग्रेजी भाषा में फॉक्स नट (Fox Nut) कहा जाता है। मखाना हृदय के लिए, हमारी हड्डियों की मजबूती के लिए और कई तरह के रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।
मखाने का न्यूट्रीशनल वैल्यू नीचे दिया गया है। मखाने में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व की मात्रा नीचे दी गई है जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना पौष्टिक आहार है।
आगे हम मखाने के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं।
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मखाने के फायदे – Benefits of Makhana in Hindi
मानसिक तनाव से राहत
रात को दो-तीन मखाने दूध के साथ लेने से बेचैनी, उदासी, अनिद्रा और दिमागी परेशानी से राहत मिलती है। जिससे नींद अच्छी आती है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलना शुरू हो जाता है।
पैरों के तलवों में जलन में फायदा
जिन लोगों के पैरों के तलवों में जलन होती है वह मखाने का दूध के साथ सेवन कर सकते हैं। इसकी नियमत मात्रा में और लगातार उपयोग से पैरों के तलवों में जलन में फायदा होता है। दूध के साथ मखाने का सेवन करने से जल्दी लाभ मिलता है।
मखाना हड्डियां मजबूत करता है
मखाना में पोटैशियम, सोडियम और मैग्नीशियम के साथ-साथ कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है जो की हड्डियों को मजबूत करने में बहुत मददगार साबित होता है।
नींद ना आना
इस तनाव भरी जीवनशैली में हर लगभग हर कोई नींद ना आने की समस्या का सामना करता है। अगर कोई नींद ना आने की समस्या से जूझ रहे हैं तो वह मखाने का सेवन करना शुरू कर सकते हैं। रात को सोते समय तीन-चार मखाने के दाने गर्म दूध के साथ पीकर सोने से अच्छी नींद आना शुरू हो जाती है। लगातार एक हफ्ता उपयोग करने के बाद फायदा दिखना शुरू हो जाता है।
हृदय के लिए मखाना खाने के फायदे
मखाना हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है। नियमत मात्रा में मखाने का सेवन करने से रक्तचाप सही रहता है जिससे कि हृदय सही से काम करता है। मखाना में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है जोकीहाट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
गठिया में मखाने के फायदे
गठिया रोग के मरीज मखाने का सेवन शुरू कर सकते हैं और वह थोड़ी देर बाद यह पाएंगे कि उनको गठिया रोग में जोड़ों के दर्द में मदद मिल रही है।
रक्तचाप सही रखता है
मखाने के फायदे में सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह हमारा रक्तचाप सही रखता है। रोजाना रात को सोते समय 2-3 मखाने गर्म दूध के साथ पीने से रक्तचाप हमेशा के लिए सही रहता है जिससे कि हृदय भी स्वस्थ रहता है।
मसूड़ों के लिए फायदेमंद
एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव के कारण मखाना मसूड़ों के लिए फायदेमंद होता है। यह मसूड़ों को पायरिया जैसी बीमारी से बचा कर रखता है। मखाना में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह दांतो को मजबूत रखता है और इन्हें कीड़ा लगने से भी बचाता है।
वजन कम करने में मदद
मखाना में अच्छी फैट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से मखाना वजन कम करने के लिए एक बहुत अच्छी खुराक है। मखाने का सेवन करने से वजन कम होता है क्योंकि इसमें कैलरी की मात्रा भरपूर होती है। जिससे की कैलरी की हमारी रोजाना की जरूरत थोड़े मखाने खाकर पूरी हो जाती हैकैलरी जिससे कि हम कम खाते हैं और जो सीधा-सीधा हमारा वजन कम करने में मदद करता है। मखाना में अच्छी फैट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से मखाना वजन कम करने के लिए एक बहुत अच्छी खुराक है।
कब्ज में मखाने के फायदे
मखाने में फाइबर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से कब से कैसेट मरीज अगर इसका उपयोग करना शुरू करते हैं तो उन्हें कब्जे में राहत मिलनी शुरू हो जाती है। कब्ज के मरीज के लिए फाइबर बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं जिससे कि मल त्याग में सहायता होती है और मखाने में फाइबर की मात्रा बहुत अच्छी तरह से पाई जाती है।
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मखाने के नुकसान
मखाना एक आहार है जिससे के की कोई ज्यादा बड़े साइड इफेक्ट नहीं है। मखाने की तासीर गर्म होने की वजह से इसे उन लोगों को कम मात्रा में खाना चाहिए जिनका पित्त बड़ा होता है। नीचे में खाने के नुकसान दिए गए हैं।
- मखाने की तासीर गर्म होने की वजह से अगर कब्ज के मरीजों से ज्यादा मात्रा में लेते हैं तो उनको कब्ज में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए कब्ज के मरीज को इसकी मात्रा ज्यादा नहीं करनी चाहिए 2 से 3 मखाने रात को लेने पर्याप्त रहते हैं।
- तासीर गर्म होने की वजह से कुछ लोगों को इसे पचाने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे लोगों को चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए कि उन्हें मखाने का सेवन जारी रखना चाहिए या बंद कर देना चाहिए।
दूसरे आहारों की तरह हर आहार को सही मात्रा में लेने से ही हमें फायदा होता है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए जैसे कि दूध हमारी सेहत के लिए बहुत सही है। लेकिन अगर हम दूध का सेवन बहुत ज्यादा अधिक मात्रा में करना शुरू कर देते हैं तो हमें गैस, कब्ज और पाचन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसीलिए मखाना भी आपको अपने शरीर के मुताबिक ही खाना चाहिए। मखाना एक सही मात्रा में लगातार खाने से हमें फायदा होता है, ना कि एक ही दिन में ज्यादा खाने से।
मखाना कैसे खाना चाहिए?
मखाना एक आहार है ना की किसी तरह की दवाई इसीलिए इसको कई तरीकों से खाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर आप इसकी खीर बनाकर भी खा सकते हैं, इसको खाली भी खा सकते हैं और इसको दूध के साथ भी ले सकते है।
ध्यान रखें इसकी मात्रा सीमित रहे तो अच्छा है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
अगर आपको नींद ना आने की परेशानी है तो आप दो-तीन मखानी दूध के साथ लेना शुरू करें रात को सोने से पहले इससे आपको अच्छी नींद आनी शुरू हो जाएगी।
इसी तरह अगर आप दिनभर थकान महसूस करते हैं तो आप 3-4 मखाने सुबह नाश्ते के साथ खाकर काम पर जा सकते हैं। इससे आपको भरपूर ऊर्जा मिलेगी और आपको थकावट महसूस नहीं होगी।
मखाना की तासीर कैसी होती है?
अगर आप जानना चाहते हैं कि मखाना की तासीर ठंडी होती है या गर्म तो आपकी जानकारी के लिए मखाना की तासीर गर्म वजह होती है। इसलिए जिन लोगों का पित्त बढ़ता है उन्हें मखाना की ज्यादा मात्रा नहीं लेनी चाहिए। पितरों की पहले से ही गैस और कब्ज जैसी बीमारियों से परेशान होते हैं और ज्यादा मात्रा में मखाना लेने से उनकी परेशानी बढ़ सकती है।
मखाना कैसे बनता है?
कमल के बीज को तोड़कर मखाना प्राप्त किया जाता है। दरअसल मखाना कमल के फूल कमल के पौधे का बीज होता है।
Information provided here is backed by reputed sources and from Ayurved Practitioners:
- Wikipedia: https://en.wikipedia.org/wiki/Lotus_seed
- Swami Ramdev: https://www.youtube.com/watch?v=PeqA_HL6f_A
- National Center for Biotechnology Information: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8269573/
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