हम सभी ने अक्सर सुना है ‘म्यूच्यूअल फंड बाजार जोखिम के अधीन है’। क्या आप जानते हैं कि म्यूच्यूअल फंड किस प्रकार जोखिमों से परिपूर्ण है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पूर्व हमें उससे संबंधित सभी जोखिमों की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में हम म्यूचुअल फंड के नुकसान पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।
म्यूचुअल फंड के नुकसान

- अति विविधीकरण: फंड मैनेजर द्वारा एक ही पोर्टफोलियो में अनेकों ऐसेट में निवेश अति विविधीकरण कहलाता है क्योंकि विविधीकरण जोखिम को एक तरफ जोखिम को सीमित करता है एवं दूसरी तरफ रिटर्न को भी कम करता है। अति विविधीकरण से बचने के लिए निवेशकों द्वारा उद्देश्य पूर्ण रणनीति तैयार करनी चाहिए एवं निवेश करना चाहिए।
- असामान्य रिटर्न: म्यूचल फंड निवेशक को किसी भी प्रकार की गारंटी प्रदान नहीं करते हैं और इसमें संभावित जोखिम एवं मूल्यह्रास की स्थिति बनी रहती है। यहां तक कि कंपनी के सभी विशेषज्ञ मिलकर भी निवेशकों को संभावित जोखिम एवं मूल्यह्रास से नहीं बचा सकते हैं।
- अतीत में प्रदर्शन: म्यूच्यूअल फंड कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली रेटिंग एवं विज्ञापन उनके अतीत के प्रदर्शन पर आधारित होती हैं। रेटिंग एवं विज्ञापन कंपनियों के भविष्य के प्रदर्शन को सुनिश्चित नहीं करती हैं इसलिए निवेशक को सर्वप्रथम आचार नीति, पारदर्शिता, निवेश रणनीति इत्यादि का विश्लेषण करना चाहिए।
- ईएलएसएस फंड्स: ईएलएसएस फंड्स निवेशकों के लिए एक उत्तम टैक्स सेविंग माध्यम है परंतु इसकी न्यूनतम समय अवधि 3 वर्ष की है।
- एग्जिट लोड: निवेशकों द्वारा एक निश्चित समय से पूर्व बाहर जाने से रोकने के लिए कंपनियों द्वारा शुल्क लागू किया जाता है जिसे एग्जिट लोड कहा जाता है। इसका यह अर्थ है कि यदि कोई निवेशक समय से पूर्व अपने सिक्योरिटीज को रिडीम करना चाहता है तो उस पर एग्जिट लोड शुल्क लागू होता है।
- सीएजीआर: सीएजीआर एकमात्र साधन है जो निवेशक को संपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है परंतु इसके विपरीत यह निवेशक को ना तो संभावित जोखिम पूर्ण स्थिति से अवगत करवाता है और ना ही कंपनी द्वारा अनेकों ऐसेट में निवेश संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
- उच्च एक्सपेंस रेश्यो एवं बिक्री शुल्क: निवेशकों को म्यूचल फंड से संबंधित एक्सपेंस रेशों एवं बिक्री शुल्क पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि कंपनी द्वारा 1.5% से अधिक एक्सपेंस रेशों, 12b-1 वितरण शुल्क एवं अन्य सामान्य बिक्री शुल्क लागू किए जा रहे हो तो यह निवेशक के लिए अतिरिक्त व्यय का कारण सिद्ध होते हैं।
- निवेश पर नियंत्रण ना होना: म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश पर निवेशकों का किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं होता है। संपूर्ण निवेश को फंड मैनेजर एवं उसके विशेषज्ञों की टीम द्वारा नियंत्रित किया जाता है एवं निवेश से संबंधित सभी निर्णय फंड मैनेजर द्वारा लिए जाते हैं।
- प्रबंधन प्राधिकरण का अनुचित उपयोग: अनेकों फंड मैनेजर्स द्वारा प्रबंधन प्राधिकरण का अनुचित उपयोग किया जाता है। वे निरंतर स्टॉक की खरीद-फरोख्त करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप लागू होने वाले शुल्क एवं करों में वृद्धि होती है एवं प्राप्त होने वाले रिटर्न में कमी आती है। अत्यधिक एवं निरंतर खरीद-फरोख्त से संबंधित म्यूचल फंड निवेशकों के लिए निश्चित रूप से जोखिम पूर्ण सिद्ध होते हैं।
- फंड का मूल्यांकन: निवेशकों के लिए यह अत्यधिक कठिन कार्य है कि वह अनेकों फंड्स का विस्तृत रूप से अध्ययन एवं मूल्यांकन करें। म्यूच्यूअल फंड की नेट ऐसेट वैल्यू निवेशक को फंड के पोर्टफोलियो का मूल्यांकन प्रदान करती है। दो विभिन्न फंडों की तुलना करने के लिए निवेशक को अनेकों मापदंडों का उपयोग करना पड़ सकता है जो निवेशक के लिए एक जटिल कार्य साबित हो सकता है।
- फंड मैनेजर: अनेकों बार निवेशकों द्वारा कंपनी का चुनाव किसी विशेष फंड मैनेजर को ध्यान में रखकर किया जाता है। वह विशेष फंड मैनेजर निवेशकों के लिए अल्पावधि के लिए तो लाभदायक सिद्ध हो सकता है परंतु दीर्घावधि निवेश को के लिए यह हर बार संभव नहीं है। साथ ही फंड मैनेजर द्वारा एक कंपनी छोड़ दूसरी कंपनी को अपनाने की परिस्थिति हमेशा विद्यमान होती है इसलिए निवेशकों द्वारा कंपनी का चुनाव फंड मैनेजर के आधार पर नहीं अपितु कंपनी की आचार नीति, पारदर्शिता, निवेश रणनीति इत्यादि के आधार पर करना चाहिए।
- कर अक्षमता: निवेशकों को प्राप्त होने वाले वार्षिक पूंजीगत लाभ इन्हें करों के भुगतान के करने के लिए उत्तरदाई बनाती हैं।
मैं व्यक्तिगत तौर पर म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नीचे दिए गए स्टॉक ब्रोकर में आपको अकाउंट खोलने की सलाह देता हूं:
- जीरोधा
- एंजेल ब्रोकिंग : खास तौर पर मोबाइल से ट्रेडिंग करने के लिए
- अपस्टॉकस
ज्यादा जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े, ‘म्यूचुअल फंड के प्रकार‘.
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