शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें?

हाल ही के कुछ समय में भारतीयों की शेयर बाजार में रुचि बहुत ज्यादा बड़ी है। कुछ ही वर्षों में शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं। अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन जानते नहीं है कि कैसे शुरुआत करें तो इस पोस्ट में हम आपको विस्तारपूर्वक बताएंगे कि Share market me account kaise khole और निवेश या ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए Share Market Account खोलने के लिए सिर्फ 15 मिनट का समय लगता है। सारा प्रोसेस ऑनलाइन होता है आपको ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है और उसके बाद आपका डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट 24 घंटे में तैयार हो जाता है।

उसके बाद आपको आपका यूजर आईडी और पासवर्ड मिल जाता हैसारा बस इतना ही एक बार यह प्रक्रिया होने पर आप बैंक अकाउंट जो कि अकाउंट खोलते वक्त आपके ब्रोकर द्वारा आपके डिमैट अकाउंट के साथ जोड़ दिया जाएगा से पैसे ऐड करके शेयर में निवेश करना शुरू कर सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको सिर्फ ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है। घबराइए नहीं यह अकाउंट आपको अलग-अलग नहीं खुलवाने पढ़ते हैं। जैसे कि मैंने बताया सिर्फ 15 मिनट लगेंगे डिमैट अकाउंट फॉर्म पूरी तरह से भरने में और आपके ब्रोकर द्वारा आपके लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल दिया जाएगा।

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इसके लिए अलग से बैंक अकाउंट नहीं खुलवाना पड़ता है। अगर आपका सेविंग बैंक अकाउंट पहले से है तो उसी को ही आपके बैंक आपके डीमैट के साथ लिंक कर दिया जाएगा।

तो इंतजार किस बात का? नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके भारत के नंबर वन डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर जीरोधा (Zerodha Demat Account) के साथ सिर्फ 15 मिनट में अपना शेयर मार्केट अकाउंट खोले और आज ही से निवेश करना शुरू करें:

ज्यादा जानकारी के लिए आप पोस्ट को पढ़ते रहें।

शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें - Share Market me Account Kaise Khole

जैसे कि मैंने बताया ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपको ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता है जिसको भरने में लगभग 15 मिनट का समय लगता है। इसके बादआपका स्टॉक ब्रोकरआपके लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक्टिवेट कर देता है और आपको एक यूजर आईडी और पासवर्ड दे देता है। जिससे आप प्लेटफार्म पर लॉगिन करके ट्रेडिंग या निवेश करना शुरू कर सकते हैं।

ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करके आप अपना अकाउंट अभी भारत के नंबर वन स्टॉक ब्रोकर के साथ खोल सकते हैं।

अभी हम समझते हैं कि डीमैट ट्रेडिंग और बैंक सेविंग अकाउंट की क्या भूमिका होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट - Trading Account Kya Hai

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक द्वारा की गई सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त को दर्शाता है। ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक के बैंक अकाउंट एवं डीमैट अकाउंट के मध्य संपर्क स्थापित करता है।

ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा स्टॉक्स खरीदे जाने पर संबंधित राशि बैंक अकाउंट से डेबिट हो जाती है एवं इसके विपरीत स्टॉक्स के बेचे जाने पर जाने पर संबंधित राशि बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है।

डीमैट अकाउंट - Demat Account Kya Hota Hai

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ डिमैट अकाउंट ओपन करना भी अनिवार्य है। डिमैट अकाउंट निवेशक द्वारा संग्रहित सभी प्रकार की सिक्योरिटी को दर्शाता है। डीमैट अकाउंट का उपयोग निवेशक द्वारा खरीदे गई सभी प्रकार की सिक्योरिटी को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा शेयर खरीदे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है एवं इसके विपरीत शेयर के बेचे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाती है।

बैंक अकाउंट - Bank Account

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए बैंक अकाउंट का ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट का बैंक अकाउंट के साथ लिंक होना स्टॉक मार्केट में होने वाली खरीद-फरोख्त को सहज बनाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट के सक्रिय होने एवं ट्रेडिंग अकाउंट एवं बैंक अकाउंट लिंक होने के बाद निवेशक ट्रेडिंग आरंभ कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश एक लाभप्रद विकल्प है एवं इसके पोर्टफोलियो को विविधीकरण प्रदान कर इसे अधिक लाभप्रद बनाया जा सकता है।

ध्यान दें: बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए आपको कुछ अलग से नहीं करना पड़ता है। ट्रेडिंग अकाउंट खोलते वक्त आपका बैंक अकाउंट खुद ब खुद आपके ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक कर दिया जाता है।

डिमैट अकाउंट खोलने के लिए नीचे दिए दस्तावेज चाहिए - Demat Account Documents

शेयर बाजार में अकाउंट खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं जैसे कि आधार कार्ड, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट इत्यादि। डीमैट अकाउंट डॉक्युमेंट्स (Demat account documents) आपके पास जरूरी होने चाहिए।

ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के लिए केवाईसी फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पिछले 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट
  • इनकम प्रूफ। अगर नहीं हो तो आप पिछले 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं।
  • अगर आप ऑनलाइन डिमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड के साथ लिंक हो। क्योंकि वेरिफिकेशन के लिएओटीपी भरना पड़ता है।

स्टॉक ब्रोकर के साथ पंजीकरण

भारत में ट्रेडिंग के लिए मुख्यतः दो प्लेटफार्म बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एवं एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) उपलब्ध है। परंतु निवेशक सीधे तौर पर उपलब्ध प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। ट्रेडिंग आरंभ करने से पहले निवेशकों को स्टॉक ब्रोकर्स जोकि SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं (SEBI संस्था भारत में स्टॉक मार्केट को नियंत्रित करती है) के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य होता है। स्टॉक ब्रोकर्स निवेशक के प्रतिनिधि के रूप में सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त करते हैं। स्टॉक ब्रोकर्स मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

डिस्काउंट ब्रोकर्स: डिस्काउंट ब्रोकर्स (Discount Broker) जैसे कि एंजेल वन का उपयोग निवेशकों द्वारा उस स्थिति में किया जाता है जब वे स्वयं ट्रेडिंग करना चाहते हैं जिसके कारण स्टॉक ब्रोकर्स निवेशकों पर बहुत कम ट्रांजैक्शन शुल्क एवं वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क लागू करते हैं।

फुल सर्विस ब्रोकर्स: फुल सर्विस ब्रोकर्स (Full Service Broker) अपने अनुभव एवं विश्लेषण के आधार पर निवेशकों को संपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर उचित स्टॉक उचित समय पर चुनाव करना एवं चुने गए स्टॉक में निवेश की जाने वाली राशि को सुनिश्चित करना। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों को और भी सेवाएं प्रदान करते हैं उदाहरण के तौर पर टैक्स संबंधी सुझाव, एस्टेट प्लैनिंग, कंस्ट्रक्शन, इनिशियल पब्लिक आफरिंग आदि। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों के पोर्टफोलियो में निरंतर सुधार भी करते रहते हैं। इसी  कारण फुल सर्विस ब्रोकर्स निवेशकों पर सामान्य से अधिक शुल्क लागू करते हैं।

आवेदन: उचित स्टॉक ब्रोकर के चुनाव के बाद निवेशक द्वारा स्टॉक ब्रोकर को संपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी प्रदान की जाती है जिसके आधार पर निवेशक की सरकारी विनियमन के अंतर्गत जांच की जाती है एवं पंजीकरण किया जाता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन सिर्फ 15 मिनट में ही खो जाते हैं और उसके बाद आप अपनी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।