शेयर मार्केट क्या है?

शेयर क्या है

आज हम शेयर मार्केट के विषय पर चर्चा करेंगे। शेयर मार्केट वह स्थान होता है जहां शेयर बेचे एवं खरीदे जाते हैं। एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) तथा बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) भारत की दो अत्यधिक प्रसिद्ध शेयर मार्केट है और SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) द्वारा नियंत्रित है।

इन स्टॉक एक्सचेंज में होने वाली शेयर की सभी प्रकार की ट्रेडिंग एसएबीआई के दिशा निर्देशों के अनुसार ही होती हैं। एनएसई के साथ लगभग 1700 कंपनियां और बीएसई के साथ लगभग 5400 कंपनियां रजिस्टर है।

केवल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा रजिस्टर्ड कंपनियां ही अपने शेयर, शेयर मार्केट में जारी कर सकती हैं। एनएसई में होने वाले उतार-चढ़ाव को निफ़्टी कहा जाता है। बीएसई में होने वाले उतार-चढ़ाव को सेंसेक्स कहा जाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का महत्वपूर्ण इंडेक्स निफ्टी है और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का महत्वपूर्ण इंडेक्स सेंसेक्स है। इन इंडेक्स के उतार-चढ़ाव से स्टॉक मार्केट की दिशा का अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि इनमें भारत की सबसे मशहूर और सबसे बड़ी कंपनियां शामिल होती है।

शेयर मार्केट कैसे कार्य करता है?

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया निवेशकों की रुचि के अनुसार नियम और दिशानिर्देश तैयार करता है। सभी कंपनियां इन दिशा निर्देशों व नियमों के अंतर्गत अपने आप को शेयर मार्केट में रजिस्टर करती हैं। शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड कंपनिओं के शेयर निवेशक सीधे तौर पर नहीं खरीद सकते हैं, इसके लिए उन्हें किसी मध्यस्था की आवश्यकता होती है।

फाइनैंशल ब्रोकर वह व्यक्ति, संस्था या कंपनी होती है जो स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच में संपर्क स्थापित करती है। फाइनेंशियल ब्रोकर निवेशक का डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करता है जिसके द्वारा वह निवेशक के लिए सभी प्रकार की ट्रेडिंग करता है।

ब्रोकर का कार्य होता है निवेशक के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज तक पहुंचाना तथा स्टॉक एक्सचेंज का कार्य होता है उस आर्डर को कंप्लीट करना। ब्रोकर यह कार्य इंटरनेट तथा ट्रेडिंग टर्मिनल के माध्यम से कुछ ही समय में संपूर्ण कर देता है। ब्रोकर यह सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए निवेशकों से कमीशन लेता है जिसे ब्रोकरेज भी कहते हैं।

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फाइनेंशियल ब्रोकर नए निवेशकों, जिन्हें शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की कोई जानकारी नहीं होती है उन्हें ना केवल सही निवेश की जानकारी प्रदान करता है अपितु उनके लिए शेयर मार्केट की सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त भी करते है।

वे निवेशक जिन्हें शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की संपूर्ण जानकारी होती है, वह बिना फाइनेंसियल ब्रोकर के भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं। ऐसा करके वे ब्रोकर को दिए जाने वाले कमीशन से बच सकते हैं।

अब हम देखेंगे कि शेयर होल्डर लाभ कैसे कमाते हैं।

किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है। कोई भी निवेशक अपनी क्षमता के अनुसार शेयर खरीद सकता है और लाभ कमा सकता है। शेयर मार्केट में निवेश कि कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है। शेयर मार्केट में निवेश ₹500 से भी शुरू किया जा सकता है और यह निवेश करोड़ों में भी जा सकता है।

अब हम देखेंगे कि वे निवेशक जो किसी कंपनी के शेयर का एक छोटा सा हिस्सा खरीदते हैं वे इससे कैसे लाभ उठाते हैं।

इसके लिए उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि किसी कंपनी के प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू ₹10 है। इस कंपनी ने फेस वैल्यू ₹10 प्रति शेयर के हिसाब से 50,000 शेयर ₹500000 के लिए जारी किए हैं। किसी निवेशक ने इसी कंपनी के फेस वैल्यू ₹10 प्रति शेयर के हिसाब से 2000 शेयर खरीदे हैं।

मान लीजिए कि अगले 1 महीने में कंपनी अच्छा लाभ अर्जित करती है। उस स्थिति में कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू, शेयर की फेस वैल्यू से बढ़ जाती है। मान लीजिए कि कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू ₹15 प्रति शेयर है। इस प्रकार निवेशक को प्रत्येक शेयर बेचने पर ₹5 का लाभ (मार्केट वैल्यू-फेस वैल्यू) होगा।

जिस निवेशक ने इस कंपनी के 2000 शेयर खरीदे हैं, उस निवेशक को 2,000 शेयर बेचने पर ₹10000 (2000×5) का का लाभ होगा। इसके द्वारा आप समझ गए होंगे कि कैसे छोटे निवेशक शेयर मार्केट का लाभ उठाते हैं।

इसके विपरीत यदि उसी 1 महीने में यदि कंपनी को हानि का सामना करना पड़ता तो उस स्थिति में कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू शेयर की फेस वैल्यू से घट जाती है।

मान लीजिए कि कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू ₹5 प्रति शेयर होती तो निवेशक को प्रत्येक शेयर बेचने पर ₹5 की हानि (फेस वैल्यू-मार्केट वैल्यू) होती। जिस निवेशक ने इस कंपनी के 2000 शेयर खरीदे हैं, उस निवेशक को शेयर बेचने पर ₹10000(2000×5) की हानि का सामना करना पड़ता।

उपरोक्त उदाहरण द्वारा आप समझ गए होंगे कि शेयर मार्केट क्या होती है, कैसे शेयर मार्केट में निवेशकों को लाभ प्राप्त होता है और कैसे हानि का सामना भी करना पड़ता है।