• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiTrek

हम बीमा, बैंकिंग, शेयर बाजार और निवेश (Wealth Creation) में आपका मार्गदर्शन करते हुए आपकी आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहने में मदद करने का प्रयास करते हैं।

  • बीमा
  • बैंकिंग
  • ब्लॉग
HindiTrek ⊳ निवेश ⊳ सिबिल स्कोर क्या है? सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?

सिबिल स्कोर क्या है? सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?

Last Updated: 26/09/2021 · By: सुनील कुमार

क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड सीबिल क्रेडिट सूचना प्रदान करने वाली कंपनी है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों के क्रेडिट स्कोर एवं कंपनियों के क्रेडिट रैंक प्रदान करना है जिनका उपयोग ऋण प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा किया जाता है। इस लेख में हम सिबिल स्कोर क्या है, सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए और सीबिल से संबंधित सभी विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा जैसे कि सीबिल, सिबिल स्कोर, सीबिल रैंक, यह किस प्रकार कार्य करता है, यह कितने समय के लिए वैद्य होता है, यह किन मापदंडों पर निर्भर करता है एवं यह किस प्रकार महत्वपूर्ण है इत्यादि पर चर्चा करेंगे।

सिबिल स्कोर क्या है?

क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड को संक्षिप्त रूप में सीबिल कहा जाता है। सीबिल किसी व्यक्ति अथवा कंपनी द्वारा लिए जाने ऋण एवं ऋण की अदायगी के आधार पर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करता है। सिबिल स्कोर रिपोर्ट के आधार पर ऋण देने वाली कंपनियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई व्यक्ति अथवा कंपनी पुन ऋण लेने के लिए योग्य है अथवा नहीं।

सिबिल स्कोर

सीबिल स्कोर किस प्रकार कार्य करता है?

सीबिल किसी व्यक्ति अथवा किसी कंपनी द्वारा लिए जाने वाले ऋण एवं ऋण की अदायगी के आधार पर उसकी रिपोर्ट तैयार करता है, जिसके आधार पर ही उस व्यक्ति अथवा कंपनी को भविष्य में प्राप्त होने वाले नए ऋणों की स्वीकृति एवं और स्वीकृति सुनिश्चित होती है।

जरूर पढ़ें: जाने शेयर बाजार में निवेश करने के फायदे

सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?

सिबिल स्कोर का अर्थ है किसी व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट, जो कि 3 अंकों में दर्शाई जाती है जिस की न्यूनतम सीमा 300 एवं अधिकतम सीमा 900 होती है। इसका अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति का सिबिल स्कोर 300 या उसके निकट है वह व्यक्ति नए ऋण के आवेदन के लिए योग्य नहीं है एवं जिस व्यक्ति का सिबिल स्कोर 900 या के निकट है वह व्यक्ति नए ऋण के आवेदन के लिए योग्य है। उच्च सीबिल स्कोर का अर्थ होता है नए ऋण प्राप्त करने की उच्च संभावना।

किन परिस्थितियों में किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर -1 हो सकता है?

निम्नलिखित परिस्थितियों में किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर -1 हो सकता है:

  • यदि उस व्यक्ति की कोई क्रेडिट हिस्ट्री ना हो।
  • यदि उस व्यक्ति की पिछले 2 वर्षों से कोई क्रेडिट गतिविधि ना हो।

जरूर पढ़ें: शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?

सिबिल रैंक का क्या अर्थ है?

सीबिल रैंक का अर्थ है किसी कंपनी की क्रेडिट रिपोर्ट, जो कि एक या दो अंकों में दर्शाई जाती है जिसकी न्यूनतम सीमा 1 एवं अधिकतम सीमा 10 होती है। इसका अर्थ यह है कि जिस कंपनी की सीबिल रैंक 10 या उसके निकट है वह कंपनी निकट भविष्य में ऋण के आवेदन के लिए योग्य नहीं है एवं जिस कंपनी कि सीबिल रैंक 1 या उसके निकट है वह कंपनी नए ऋण के आवेदन के लिए योग्य है। उच्च रैंक का अर्थ होता है नए ऋण प्राप्त करने की उच्च संभावना।

सीबिल स्कोर कितने समय के लिए वैद्य होता है?

सीबिल स्कोर की वैधता की कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं होती है। यह परिवर्तनशील होता है जो किसी व्यक्ति द्वारा लिए जाने वाले ऋण एवं उनकी अदायगी के अनुसार बदलता रहता है। किसी भी व्यक्ति का सीबिल स्कोर सदैव समान नहीं रहता है।

यदि किसी व्यक्ति द्वारा ऋणों का भुगतान पूरी जिम्मेदारी से किया जाता रहे तो सिबिल स्कोर में बढ़ोतरी देखी जाती है एवं इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति द्वारा ऋणों का भुगतान गैरजिम्मेदाराना तरीके से से किया जाता है तो सिबिल स्कोर मैं गिरावट देखी जाती है। सीबिल द्वारा किसी भी ऋण चूककर्ता (लोन डिफॉल्टर) का रिकॉर्ड न्यूनतम 7 वर्षों के लिए रखा जाता है।

जरूर पढ़ें: Zerodha ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें

सिबिल स्कोर कैलकुलेशन

सिबिल स्कोर कैलकुलेशन निम्नलिखित मापदंडों पर निर्भर करता है:

  • एक से अधिक आवेदन: ऋण प्राप्ति के लिए एक से अधिक आवेदन का सिबिल स्कोर अत्यंत प्रभाव पड़ता है। कड़ी पूछताछ (हार्ड इंक्वायरी) के द्वारा देनदार किसी व्यक्ति की ऋण प्राप्त करने की योग्यता की जांच करते हैं। ऋण प्राप्ति के लिए एक ही समय में एक से अधिक आवेदन ना केवल सिबिल स्कोर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं अपितु ऋण धारक की गलत छवि प्रकट करते हैं।
  • अधिकतम भुगतान: ऋणों के अधिकतम भुगतान का सिबिल स्कोर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। यदि क्रेडिट कार्ड धारक एवं ऋण धारण अपने सिबिल स्कोर को उच्च बनाए रखना चाहते हैं तो उनके लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वह अपने क्रेडिट कार्ड एवं ऋण का अधिकतम भुगतान करें क्योंकि ईएमआई की राशि से अधिक की राशि का भुगतान ना केवल सिबिल स्कोर को अनुकूल रूप से प्रभावित करता है अपितु ऋण प्रदान करने वाली कंपनियों के समक्ष एक जिम्मेदार ऋण धारक की छवि प्रकट करता है।
  • उच्च ऋण उपयोग अनुपात: उच्च ऋण उपयोग अनुपात का सिबिल स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यदि क्रेडिट कार्ड धारक एवं ऋण धारक अपने सिबिल स्कोर को उच्च बनाए रखना चाहते हैं तो उनके लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे अपने ऋण उपयोग अनुपात को सीमित रखें। ऋण उपयोग अनुपात को सीमित रखने के लिए क्रेडिट धारक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उपलब्ध क्रेडिट सीमा का केवल एक तिहाई या से कम भाग ही उपयोग करें। इसके द्वारा वह व्यक्ति ऋण प्रदान करने वाली कंपनियों के समक्ष एक जिम्मेदार ऋण धारक की छवि प्रकट करता है।
  • दीर्घकालिक क्रेडिट हिस्ट्री: क्रेडिट हिस्ट्री का अर्थ है आपके क्रेडिट अकाउंट के चालू होने के समय से लेकर वर्तमान तक का समय। दीर्घकालिक क्रेडिट हिस्ट्री का सिबिल स्कोर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इसका अर्थ यह है कि जिस क्रेडिट कार्ड धारक या ऋण धारक कि जितनी अधिक क्रेडिट हिस्ट्री होगी उसे अतिरिक्त ऋण सरलतापूर्वक मिल पाएंगे। क्रेडिट कार्ड धारकों एवं ऋण धारकों कोई यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड खाते को क्लोज ना करें क्योंकि ऐसा करने पर उस क्रेडिट कार्ड अकाउंट से संबंधित क्रेडिट हिस्ट्री भी पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है।
  • नियमित भुगतान: ऋणों के नियमित भुगतान का सिबिल स्कोर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। यदि क्रेडिट कार्ड धारक एवं ऋण धारक अपने सिबिल स्कोर को उच्च बनाए रखना चाहते हैं तो उनके लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे अपने क्रेडिट कार्ड एवं ऋण का भुगतान नियमित रूप से करें क्योंकि एक ईएमआई की देरी भी सिबिल स्कोर को प्रभावित कर सकती है।
  • पूर्ण भुगतान: ऋणों के पूर्ण भुगतान का सिबिल स्कोर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। यदि क्रेडिट कार्ड धारक एवं ऋण धारक अपने सिबिल स्कोर को उच्च बनाए रखना चाहते हैं तो उनके लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे अपने क्रेडिट कार्ड एवं ऋण का पूर्ण रूप से भुगतान करें क्योंकि छोटी से छोटी बकाया राशि भी सिबिल स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ सकती है।
  • त्रुटियों का निपटारा: त्रुटियों के निपटारे का सिबिल स्कोर पर अत्यंत प्रभाव पड़ता है। यदि क्रेडिट धारक एवं ऋण धारक अपने सिबिल स्कोर को उच्च बनाए रखना चाहते हैं तो उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वह अपने सिबिल स्कोर में से सभी प्रकार की त्रुटियों को ढूंढे, त्रुटियों के निपटारे के लिए शीघ्र आवेदन करें क्योंकि व्यर्थ की त्रुटियां सिबिल स्कोर पर प्रत्यक्ष प्रभाव छोड़ सकती है।

क्या लोन सेटेलमेंट सीबिल स्कोर को प्रभावित कर सकता है?

हां, लोन सेटेलमेंट सिबिल स्कोर को प्रभावित कर सकता है। लोन सेटेलमेंट सिबिल स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और यह नकारात्मक प्रभाव अगले 7 वर्षों के लिए सिबिल स्कोर के साथ जुड़ जाता है। किसी भी लोन सेटेलमेंट के परिणामस्वरूप सिबिल स्कोर में 75 या उससे अधिक अंकों की गिरावट आ सकती है।

क्या सिबिल डिफॉल्टर ऋण प्राप्त कर सकता है?

नहीं, सिबिल डिफॉल्टर तब तक देनदारों से ऋण नहीं प्राप्त कर सकते जब तक कि वे अपने सिबिल स्कोर को सुधार नहीं लेते हैं। सिबिल स्कोर में शीघ्रता से सुधार करने के लिए ऋण धारक को अपने सभी ऋणों का भुगतान शीघ्रतापूर्वक करना चाहिए।

नोट: सिबिल डिफॉल्टर बिना सिबिल स्कोर का उपयोग किए व्यक्तिगत ऋण( पर्सनल लोन) प्राप्त कर सकते हैं।

उच्च सिबिल स्कोर के फायदे

उच्च सिबिल स्कोर के फायदे निम्न होते हैं:

  • कम ब्याज दर वाले ऋण: देनदार द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण जोखिम प्रोफाइल पर निर्भर करते हैं। जिन आवेदकों का सिबिल स्कोर उच्च होता है उन पर लागू होने वाले ब्याज की दर कम होती है इसके विपरीत जिन आवेदकों का सिबिल स्कोर निम्न होता है उन पर लागू होने वाले ब्याज की दर अधिक होती है।
  • उच्च क्रेडिट कार्ड लिमिट: देनदार द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च क्रेडिट कार्ड लिमिट आवेदक के सिबिल स्कोर एवं आय पर निर्भर करती है। जिन आवेदकों का सिबिल स्कोर उच्च होता है वे उच्च क्रेडिट कार्ड लिमिट का अनेकों प्रकार फायदा उठा सकते हैं। उच्च क्रेडिट कार्ड लिमिट अधिक खर्च करने की शक्ति प्रदान करती है, आपातकालीन स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करती है एवं क्रेडिट यूटिलाइजेशन अनुपात को भी निम्न करती है जो कि उच्च सिबिल स्कोर के लिए आवश्यक है।
  • दीर्घकालिक ऋण: देनदार द्वारा प्रदान किए जाने वाले दीर्घकालिक ऋण आवेदक के उच्च सिबिल स्कोर पर निर्भर करते हैं। दीर्घकालिक ऋण आवेदक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इसके परिणाम स्वरूप आवेदक द्वारा भरी जाने वाली इएमआई की किस्त में कमी आती है।
  • सौदेबाजी: उच्च सिबिल स्कोर आवेदकों को सौदेबाजी करने की शक्ति प्रदान करता है। देनदार उन आवेदकों को अधिक तरजीह देते हैं जिनका सिबिल स्कोर उच्च होता है एवं देनदार उन आवेदकों को ब्याज दर तथा अन्य शुल्क में छूट प्रदान करते हैं।
  • लाभप्रद पूर्व अनुमोदित ऋण: बैंक द्वारा प्रदान किए जाने वाले पूर्व अनुमोदित ऋण (प्री अप्रूव्ड लोन) आवेदक के उच्च सिबिल स्कोर एवं उच्च आय पर निर्भर करते हैं। बैंक द्वारा पूर्व अनुमोदित ऋण केवल कुछ विशेष ग्राहकों को संपूर्ण जांच करने के उपरांत प्रदान किए जाते हैं।
  • शीघ्र अनुमोदन: उच्च सिबिल स्कोर के परिणाम स्वरुप देनदार आवेदकों की सुविधा के लिए उन्हें सभी सेवाएं तीव्रता से प्रदान करते हैं। उच्च सिबिल स्कोर के परिणाम स्वरूप देनदार आवेदकों को अनेकों बार आपातकालीन स्थिति में भी आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं। यह सुविधा केवल कुछ ही मूल्यवान ग्राहकों उनके उच्च सिबिल स्कोर के परिणामस्वरूप प्रदान की जाती है।
  • ऋण संबंधित सेवाओं में छूट: उच्च सिबिल स्कोर ऋण धारक एवं क्रेडिट कार्ड धारक को ऋण संबंधित सेवाओं में छूट प्रदान करवाता है जैसे की ब्याज दर या लोन प्रोसेसिंग फीस। यह एक प्रकार का रुझान है जो देनदार द्वारा मूल्यवान ग्राहक को दिया जाता है ताकि ग्राहक एवं देनदार के बीच अच्छे संबंध स्थापित हो।

सिबिल में रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जाता है?

सिबिल में व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करके किया जा सकता है:

  • सर्वप्रथम सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cibil.com/personal पर जाइए।
  • अपना प्लान चुनने के लिए ‘Get Your CIBIL SCORE’ पर क्लिक कीजिए।
  • प्रथम टैब ‘Create Your Account’ में जाकर अपनी सभी व्यक्तिगत जानकारी प्रदान कीजिए।
  • दूसरे टैब ‘Verify Your Identity’ में जाने के लिए ‘Accept and Continue’ पर क्लिक कीजिए।
  • दूसरे टैब ‘Verify Your Identity’ के संपूर्ण होने पर तीसरे टैब ‘Payment’ पर जाइए एवं सदस्यता का भुगतान कीजिए।
  • पेमेंट करने के बाद आपका सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन हो चुका है एवं आप अपने अकाउंट में लॉगिन कर सकते हैं।

सिबिल में व्यक्तिगत लॉगिन किस प्रकार किया जाता है?

सिबिल स्कोर में व्यक्तिगत लॉगिन नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करके किया जा सकता है:

  • सर्वप्रथम सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट https://cibil.com पर जाइए।
  • लॉगइन पेज पर पहुंचने के लिए ‘मेंबर लॉगइन’ पर क्लिक कीजिए।
  • अकाउंट में लॉगिन करने के लिए लॉगइन पेज पर यूजर नेम तथा पासवर्ड भरिए एवं एंटर कीजिए।
  • अपने अकाउंट को वेरीफाई करने के लिए लॉग इन करने के पश्चात केवाईसी डॉक्यूमेंट अपलोड कीजिए।

व्यक्तिगत सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

व्यक्तिगत सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर कार्ड
  • निवास प्रमाण: बैंक स्टेटमेंट, बिजली का बिल, टेलीफोन का बिल

कंपनी के सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए दस्तावेजों को किस प्रकार अपलोड किया जाता है?

कंपनी के सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए दस्तावेजों को अपलोड करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • यूआरएल https://www.cibil.com/kyc-upload. पर जाइए।
  • सिबिल स्कोर एंड सीआर को चुनिए तथा सबमिट पर क्लिक कीजिए।
  • ओपन हुए पेज पर पहचान प्रमाण तथा निवास प्रमाण का विवरण भरिए।
  • पहचान प्रमाण पत्र निवास प्रमाण के दस्तावेज अपलोड कीजिए।
  • केवाईसी अपलोड करने की प्रक्रिया को संपूर्ण करने के लिए सबमिट के बटन को क्लिक कीजिए।

सिबिल में किसी कंपनी का रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जाता है?

सिबिल स्कोर में किसी कंपनी का रजिस्ट्रेशन नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करके किया जा सकता है:

  • यूआरएल https://cibilrank.cibil.com/ पर जाइए।
  • दिए गए फॉर्म में अपनी कंपनी की संपूर्ण जानकारी भरिए जैसे कि कंपनी डिटेल, कंपनी ऐड्रेस एवं कांटेक्ट इनफार्मेशन ।
  • संपूर्ण जानकारी भरने के बाद ‘प्रोसीड’ पर क्लिक कीजिए।
  • नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड अथवा डेबिट कार्ड के माध्यम से ₹3000 का भुगतान कीजिए।
  • इसके बाद कंपनी के साथ रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर सिबिल रजिस्ट्रेशन आईडी तथा पेमेंट ट्रांजैक्शन आईडी भेज दी जाएगी।
  • अपने अकाउंट में लॉग इन करने के लिए अपने क्रैडेंशियल्स का उपयोग कीजिए।

सिबिल में किसी कंपनी द्वारा लॉगइन किस प्रकार किया जाता है?

सिबिल में किसी कंपनी द्वारा लॉगइन नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करके किया जा सकता है:

  • सर्वप्रथम सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट https://cibil.com पर जाइए।
  • कंपनी के अकाउंट में लॉगिन करने के लिए यूजर नेम तथा पासवर्ड भरिए एवं एंटर कीजिए।
  • अकाउंट को वेरीफाई करने के लिए लॉग इन करने के पश्चात केवाईसी डॉक्यूमेंट अपलोड कीजिए।
  • किसी कंपनी के सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
  • किसी कंपनी के सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
  • निवास प्रमाण: बैंक स्टेटमेंट,बिजली का बिल, टेलीफोन का बिल

किसी कंपनी के सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए दस्तावेजों को किस प्रकार अपलोड किया जाता है?

किसी कंपनी के सिबिल अकाउंट की केवाईसी के लिए दस्तावेजों को अपलोड करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • यूआरएल https://www.cibil.com/kyc-upload. पर जाइए।
  • सिबिल रैंक एंड कंपनी को चुनिए तथा सबमिट पर क्लिक कीजिए।
  • ओपन हुए पेज पर निवास प्रमाण का विवरण भरिए।
  • निवास प्रमाण के दस्तावेज अपलोड कीजिए।
  • केवाईसी अपलोड करने की प्रक्रिया को संपूर्ण करने के लिए सबमिट के बटन को क्लिक कीजिए।

सिबिल स्कोर कैसे चेक करें?

अपना सिबिल स्कोर चेक करने के लिए आप अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं। आजकल सभी ऑनलाइन बैंकिंग प्रदान करने वाले बैंक ऑनलाइन सिबिल स्कोर जानने की सेवा प्रदान करते हैं। कुछ यह सेवा निशुल्क प्रदान करते हैं और कुछ इसके लिए कुछ शुल्क लागू करते हैं।

इसके अलावा बहुत सारी मुफ्त सेवाएं भी है भी है जो आपको आपका सिबिल स्कोर मुफ्त में जाने में मदद करती हैं।

क्या आप कृपया इस पोस्ट को शेयर करने पर विचार करेंगे? आपकी सहायता से हम ज्यादा लोगों तक पहुंच सकते है!

  • Tweet
  • WhatsApp

Category: निवेश

ब्लॉक की मुफ्त सदस्यता प्राप्त करें

इस ब्लॉग की सदस्यता के लिए अपना ईमेल पता दर्ज करें और ईमेल द्वारा सूचनाएँ प्राप्त करें।

Join 17 other subscribers

Reader Interactions

कोई सवाल हो तो यहां पूछे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Primary Sidebar

हाल के पोस्ट

  • म्यूचुअल फंड के नुकसान: म्यूचुअल फंड सही है या गलत?
  • डीमैट अकाउंट कैसे बंद करें?
  • शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें
  • गोल्ड ईटीएफ क्या है? गोल्ड ईटीएफ कैसे खरीदे?
  • डिजिटल गोल्ड एवं फिजिकल गोल्ड एवं सॉवरेन गोल्ड में अंतर

© 2022 · About · Privacy · Disclaimer · Contact

कृपया वेबसाइट पर दिए गए थर्ड पार्टी लिंक और नंबरों की पुष्टि संबंधित संस्था से करने के बाद ही इनको उपयोग करें।