सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का इंडेक्स है। भारत में सेंसेक्स की शुरुआत 1989 में की गई थी। सेंसेक्स शब्द की शुरुआत श्री दीपक मोहिनी ने की थी। सेंसेक्स शब्द सेंसिटिव और इंडेक्स (Sensitive and Index) दो शब्दों से मिलकर बना है।
सेंसेक्स भारतीय स्टॉक मार्केट (Stock Market) का Benchmark इंडेक्स होता है। तो आइए हम आपको आगे सेंसेक्स 30 के बारे में और जानकारी देते है। सेंसेक्स 30 की शुरुआत सो रुपए बेस वैल्यू से की गई थी और आज यह पोस्ट लिखते समय इसकी कीमत 52,232.43 है।
जैसे Nifty 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स है उसी तरह सेंसेक्स (Bombay stock Exchange) से संबंध रखता है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में कुल कंपनियों का आंकड़ा 6000 से भी अधिक का है और इन 6000 कंपनियों में से सिर्फ 30 कंपनियां ही सेंसेक्स में अपनी परफॉर्मेंस के आधार पर शामिल होती हैं।
इन कंपनियों की गणना मार्केट कैपिटलाइजेशन वेटेज मेथाडोलाजी (Market Capitalization Methodology) के आधार पर की जाती है। यह कंपनियां मार्केट केपीटलाइजेशन (Market Capitalization) के मुताबिक बहुत बड़ी होती हैं।
यह अभी के समय में भारतीय जीडीपी (GDP) का कुल 37% है और इनका भारतीय शेयर बाजार के ट्रेंड की दिशा तय करने में बहुत बड़ा योगदान होता है।
भारत की बड़ी कंपनियों के शेयरों बढ़ती और घटती कीमतों के मुताबिक ही सेंसेक्स गिरता और बढ़ता है। जैसे कि हम जानते हैं कि सेंसेक्स एक् स्टॉक मार्केट (Stock Market) इंडेक्स है और इसका काम स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध 30 कंपनियों के सभी शेयर्स के मूल्य को देखना और अंदाजा देना होता है जिससे कि हम स्टॉक मार्केट में होने वाली तेजी या मंदी का अंदाजा लगा सके।

आसान शब्दों में कहें तो सेंसेक्स का काम ही हमें जानकारी देना होता है। सेंसेक्स का काम ही अपने अंतर्गत आने वाली 30 कंपनियों के शेयरों में आए उतार-चढ़ाव पर नजर रखना होता है। हम जब भी देखते हैं कि सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों के बाजार में शेयरों के भाव बढ़ रहे हैं तो सेंसेक्स भी बढ़ जाता है और ऊपर चला जाता है। दूसरी तरफ अगर हम यह देखें कि सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों के भाव बाजार में गिर रहे है तो संसेक्स भी नीचे आने लगता है।
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से प्रत्येक कंपनी के शेयर का ऊपर जाने और नीचे आने का कारण उस कंपनी के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है कि वह कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है। अगर कोई कंपनी नया और बड़ा प्रोजेक्ट (Project) लेकर आती है मार्केट में तो यह संभव है कि उस कंपनी के शेयरों के
दाम बढ़ने ही बढ़ने हैं।
अगर कोई कंपनी किसी मुश्किल या कठिन समय से गुजर रही है तो लोग उसको छोड़ना चाहेंगे और उस कंपनी के शेयर ज्यादा मात्रा में मार्केट में बिकने लगेगे और इस मार्केट के शेयर ज्यादा मात्रा में होने से उस कंपनी के शेयरों के दाम घट जाते हैं और सेंसेक्स पर भी इसका असर पड़ता है।
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सेंसेक्स में 30 कंपनियों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है?
इंडेक्स कमेटी (जिसमें अर्थशास्त्री और इससे संबंधित लोग होते हैं) के द्वारा ही 30 कंपनियों का चुनाव होता है और इंडेक्स कमेटी 30 कंपनियों का चुनाव करते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखती है जैसे कि:
- उस कंपनी के शेयर कम से कम 1 साल या उससे अधिक समय से Stock Exchange पर सूचीबद्ध होने चाहिए।
- पिछले 1 साल के अंदर जितने भी दिन शेयर बाजार खुला है उन सभी दिनों में उस कंपनी के स्टॉक को खरीदा और बेचा जाना अनिवार्य होता है।
- हर दिन की और औसत ट्रेड की संख्या और वैल्यू के हिसाब से यह कंपनियां देश की सबसे बड़ी 150 कंपनियों में अवश्य होनी चाहिए।
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सेंसेक्स कंपनी लिस्ट
सेंसेक्स में शामिल कंपनियां हमेशा ही बदलती रहती है। अगर कोई कंपनी आज सेंसेक्स में शामिल है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा ही सेंसेक्स में शामिल रहे। परफॉर्मेंस के आधार पर कोई और कंपनी भी इसकी जगह ले सकती है। समय-समय पर इंडेक्स कमेटी इसमें शामिल कंपनियों का आकलन करती है और यह तय करती है कि किस कंपनी को इंडेक्स से बाहर किया जाए और उसकी जगह किस कंपनी को इंडेक्स में शामिल किया जाए।
पहली 30 कंपनियों को सेंसेक्स में शामिल पहली बार 1986 में किया गया था और यह सभी कंपनियां वित्तीय रूप से बहुत ही ज्यादा ताकतवर और मार्केट केपीटलाइजेशन (Market Capitalization) के हिसाब से अपने इलाकों में से बहुत बड़ी होती है। इन कंपनियों के शेयरों की मांग Stock Market में हमेशा बनी रहती है और यह कंपनियां Blue Chip के नाम से जानी जाती है।
अभी मई 2021 में नीचे दी गई 30 कंपनियां सेंसेक्स में शामिल है। जैसे कि मैंने बताया है कि यह कंपनियां हमेशा ही इस इंडेक्स में रहे यह जरूरी नहीं है। इसलिए अगर आप अपडेटेड सेंसेक्स कंपनी लिस्ट देखना चाहते हैं तो BSE की अधिकारिक वेबसाइट पर जाए।
सेंसेक्स कंपनी लिस्ट:
- एशियन पेंट्स (ASIANPAINT)
- ऐक्सिस बैंक
- बजाज-ऑटो
- बजाज फिनसर्व लिमिटेड (BAJAJFINSV)
- बजाज फाइनेंस लिमिटेड (BAJFINANCE)
- भारती एयरटेल (BHARTIARTL)
- DRREDDY
- एचसीएलटेक
- एचडीएफसी
- एचडीएफसी बैंक
- हिंदुस्तान यूनिलीवर (HINDUNILVR)
- आईसीआईसीआई बैंक
- इंडसइंड बैंक (INDUSINDBK)
- इंफोसिस (INFY)
- आईटीसी
- कोटक महिंद्रा बैंक (KOTAKBANK)
- लार्सन एंड टुब्रो (LT)
- महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M)
- मारुति
- नेस्ले इंडिया (NESTLEIND)
- एनटीपीसी
- तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
- पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (POWERGRID)
- भरोसा
- भारतीय स्टेट बैंक (SBIN)
- सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (SUNPHARMA)
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)
- टेक महिंद्रा (TECHM)
- टाइटन
- अल्ट्राटेक सीमेंट (ULTRACEMCO)
सेंसेक्स की मदद से हम क्या कर सकते हैं?
सेंसेक्स से हमें भविष्य में होने वाले परिवर्तन के बारे में यह पता लगता है कि हम Stock Market में पैसे लगाएं या न लगाएं।आसान शब्दों से देखा जाए तो सेंसेक्स से हमे यह पता चलता है कि बाजार की चाल मजबूत है या नही। अगर मजबूत है तो देश मे चीज़े सस्ती होती है और बेरोजगारी खत्म होने लगती है।
जब कंपनियां ऊपर की तरफ जाती हैं तो निवेशक भी ऐसी कंपनियों में पैसे लगाने लगते है जिससे कि निवेशकों के पास बहुत अधिक धन जमा हो जाता है।
जब शेयर बाजार अच्छा होता है और सेंसेक्स ऊपर जाता है तो देश में बहुत से बाहरी निवेशक आने लगते हैं और जब वह भारतीय कंपनियों में पैसा लगाते हैं तो इससे रुपए में तेजी आएगी और रुपया विदेशी मुद्रा के मुकाबले में मजबूत होता है। जब रुपया मजबूत होता है तो इससे चीजें सस्ती होने लगती हैं जैसे कि विदेश से आयात होने वाला समान रुपए में आई तेजी से पहले के मुकाबले कम कीमतों पर मिलेगा।
यह है भारत के मशहूर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आप इनमें अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं:
- जीरोधा
- एंजेल ब्रोकिंग : खास तौर पर मोबाइल से ट्रेडिंग करने के लिए
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