स्टॉप लॉस ऑर्डर एक ऐसा आर्डर होता है जो कि एक इन्वेस्टर को स्टॉक को खरीदने या बेचने के लिए दिया जाता है। निवेशक के द्वारा खरीदा गया स्टॉक जब उसको नुकसान देने लगता है तब एक स्टॉप लॉस ऑर्डर निवेशक को सीमित नुकसान के साथ मार्केट से एग्जिट करने की सहूलियत प्रदान करता है।
स्टॉप लॉस का अर्थ होता है कि जब भी हम कोई शेयर खरीदते हैं तो उसी समय हम तय कर लेते हैं कि अगर शेयर का मूल इतना प्रतिशत या इतनी दर में गिरा तो हम इस शेयर को बेच देंगे और एक निश्चित नुकसान के साथ मार्केट से एग्जिट कर लेंगे।
अक्सर मार्केट में यह कहा जाता है कि स्टॉप लॉस ऑर्डर हमारा दोस्त होता है क्योंकि यह हमें असीमित नुकसान से बचाता है।
उदाहरण के लिए जब कोई निवेशक शेयर खरीदता है तो उसको कम कीमत के ऊपर स्टॉप लॉस का ऑर्डर सेट करना पड़ता है। निवेशक अपने अनुसार स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं। निवेशक जिस भी परसेंट के ऊपर स्टॉप लॉस के आर्डर को सेट करेगा निवेशक को उसके द्वारा सेट किए गए स्टॉप लॉस के तहत ही नुकसान होगा।
जैसे मान लीजिए कोई निवेशक रिलायंस कंपनी के शेयर ₹2000 में खरीदता और वह स्टॉप लॉस ₹1900 में सेट कर देता है। अगर शेयर मार्केट में निवेशक द्वारा खरीदे गए शेयरों का मूल्य ₹1900 से नीचे आता है तो निवेशक के शेयर ₹1900 में बेच दिए जाएंगे। जिससे कि उसको प्रति शेयर पर सिर्फ ₹100 का ही नुकसान होगा। फिर चाहे निवेशक शेयरों की घटती कीमतों पर ध्यान दे या ना दे पर उसके शेयर उसके स्टॉपलॉस के तहत सेट किए गए मूल्य पर बेच दिए जाएंगे।
इसी तरह स्टॉप लॉस ऑर्डर नहीं डाला जाता है और शेयर का मूल्य गिरते-गिरते ₹1500 आ जाता है तो इस स्थिति में इन्वेस्टर को प्रति शेयर ₹500 का नुकसान हो जाएगा।
इसीलिए मार्केट में हमेशा एक स्टॉपलॉस के साथ ही काम करना चाहती है जिससे कि आप ज्यादा देर तक मार्केट में बने रह सकते हैं और लंबे समय में मुनाफा कमा सकते हैं।
जो इन्वेस्टर स्टॉप लॉस के साथ काम नहीं करते हैं वह जल्दी ही मार्केट से नुकसान के साथ निकल जाते हैं और फिर कभी भी मार्केट में पैसा लगाने नहीं आते हैं।
स्टॉप लॉस ऑर्डर मुनाफे को लॉक करने का भी एक तरीका है:
निवेशक को ज्यादा कोई नुकसान ना हो तभी निवेशक अपने लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर का प्रयोग करता है। पर इसके साथ ही निवेशक को स्टॉप लॉस ऑर्डर का प्रयोग करने से मुनाफा भी होता है। इस मामले में कभी-कभी स्टॉप लॉस ऑर्डर को ट्रेलिंग स्टॉप लॉस भी कहा जाता है। आइए अब हम जानते हैं की ट्रेलिंग स्टॉप लॉस क्या है।
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस क्या है?
कई बार मार्केट ऊपर जा रहा होता है जिससे कि ट्रेडर को लाभ हो रहा होता है। लेकिन ऊपर जाते-जाते मार्केट अचानक ही नीचे तेजी से गिर जाता है और इस स्थिति में एक लाभदायक ट्रेड नुकसान में बदल जाती है। और कुछ बार तो ऐसा होता है कि स्टॉपलॉस हिट करके नुकसान के साथ ट्रेड को बंद करना पड़ता है।
ऐसी स्थितियों से बचने के लिए ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग किया जाता है। जिसमें की जैसे-जैसे शेयर का मूल्य ऊपर जाता है उसी तरह स्टॉप लॉस ऑर्डर को ऊपर किसका खिसकाना शुरू कर दिया जाता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने कोई शेयर हजार पे खरीदा है और आप का टारगेट प्राइस 15 सो रुपए हैं। अब यह तो जाहिर है कि मार्केट सीधा ऊपर नहीं जाएगा यह ऊपर नीचे होते हुए ही जाएगा। और यह भी मुमकिन है कि स्टॉक का प्राइस हजार ऊपर से नीचे गिरना शुरू हो जाए या 14 को टच करके वापिस हजार के नीचे गिर जाए।
ऐसी स्थिति में मान लीजिए हमारा स्टॉप लॉस हमने ₹900 रखा है जिसका मतलब है कि अगस्त का प्राइस ₹900 से नीचे जाएगा तो हम मार्केट से अपने सारे शेयर बेच देंगे और सो रुपए प्रति शेयर नुकसान के साथ रहेंगे।
अभी मान लीजिए कि स्टॉक का प्राइस 1 हजार से ₹1100 में पहुंच गया है तो क्या इस स्थिति में हमें अपना स्टॉप लॉस ऑर्डर 900 ही रखना चाहिए?
बिल्कुल नहीं!
अभी हमारे लिए अच्छा यह होगा कि हम अपना स्टॉपलॉस ₹900 से खिसका कर ₹1000 पर ले जाएं। इस तरह करने से अभी हम ब्रेक इवन प्वाइंट पर आ गए हैं। इसका मतलब है कि जिस प्राइस पर हमें शेयर खरीदा था अभी हमारा स्टॉपलॉस वहीं पर है। अभी स्टॉक मार्केट अगर गिरकर अगर हमारा स्टॉप लॉस ऑर्डर ट्रिगर हो जाता है तो हमें किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा हम जीरो प्रॉफिट जीरो लॉस पर एग्जिट कर जाएंगे।
अभी हमने अपना स्टॉपलॉस ऑर्डर ट्रेल कर दिया है और ब्रेकइवन पर आ गए हैं। अभी मान लीजिए स्टॉक का प्राइस ₹1100 से बढ़कर ₹1200 हो गया है। अभी स्थिति में आप समझ गए होंगे कि हमें आगे क्या करना है अभी हमें फिर से अपना स्टॉपलॉस खिसकाना या ट्रेल करना होगा और इस बार हम अपना स्टॉप लॉस ऑर्डर ₹1000 से ₹1100 पर ले जाएंगे।
अभी हम ट्रेलिंग स्टॉप लॉस की वजह से मुनाफे की स्थिति में आ गए हैं। अभी हमारा स्टॉप लॉस ₹1100 पर है और हमने शेयर खरीदा हुआ है हजार रुपे पर इसका मतलब है कि अगर हमारा स्टॉप लॉस ऑर्डर ट्रिगर होता है तो वह हमें प्रति शेयर ₹100 का मुनाफा होगा।
इस तरह आप मार्केट में ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का फायदा उठा सकते हैं।
स्टॉप लॉस आर्डर के लाभ
- निवेशक को स्टॉप लॉस ऑर्डर को लागू करने के लिए कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है।
- स्टॉप लॉस के मूल्य तक पहुंचने के बाद ब्रोकरेज प्लान के अनुसार ही ब्रोकरेज ली जाती है।
- स्टॉप लॉस ऑर्डर निवेशक को भावनाओं के प्रभाव से मुक्त कर देता है। स्टॉक मार्केट में भावनाओं पर नियंत्रण करना सबसे महत्वपूर्ण होता है।
- ज्यादातर स्टॉक इन्वेस्टर्स एक बार नुकसान की स्थिति में आने पर यह आशा करते रहते हैं कि उनका नुकसान स्टॉक के ऊपर आने पर पूरा हो जाएगा और जिसकी वजह से उनका नुकसान बढ़ता रहता है। स्टॉपलॉस ऑर्डर आपको सीमित नुकसान में मार्केट से निकलने की अनुमति देता है।
- निवेशक के लिए एक फायदा यह भी है कि उसको रोजाना यह देखने की जरूरत नहीं पड़ती है कि कोई स्टॉक कैसा परफॉर्म कर रहा है। जब निवेशक छुट्टी पर होता है या पर वह लंबे समय से स्टॉक को देख नहीं पाता है तब यह उसके लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
स्टॉप लॉस के नुकसान
- कई बार यह कम समय में स्टॉक की कीमत को उतार-चढ़ाव में स्टॉप प्राइस को एक्टिव कर सकता है।
- जिस स्तर पर स्टॉप लगाया जाना चाहिए उसके लिए कोई भी सख्त नियम नहीं बनाया गया है और यह पूरी तरह उस निवेशक की निवेश शैली पर निर्भर करता है।
- जब निवेशक अपने स्टॉक प्राइस पर पहुंच जाता है तो उसका स्टॉप ऑर्डर मार्केट ऑर्डर बन जाता है।
- अगर आप डिलीवरी में ट्रेड करते हैं तो आपको हर दिन अपना स्टॉप लॉस आर्डर डालना पड़ता है। क्योंकि मार्केट के बंद होने पर स्टॉप लॉस आर्डर ऑटोमेटिकली कैंसल हो जाता है।
स्टॉप लॉस ऑर्डर कहां लगाना चाहिए?
स्टॉप लॉस ऑर्डर कहां लगाना चाहिए इसके लिए कोई भी तरह के सख्त नियम नहीं होते हैं। हर ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार स्टॉपलॉस लगाता है। कुछ ट्रेडर ट्रेंडलाइन के मुताबिक, कुछ सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के मुताबिक, कुछ जिगजाग इंडिगेटर के हिसाब से अपना स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाते हैं।
आप ऊपर दी गई किसी भी विधि से स्टॉपलॉस लगाते हो अगर आप उसमें एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range) इंडिकेटर को ऐड कर देंगे तो आप एक अच्छा स्टॉपलॉस ऑर्डर बना सकते हैं जो कि आमतौर पर ट्रिगर नहीं होगा और ज्यादातर मौकों में आपको लाभ ही देगा।
आपने जितना भी स्टॉपलॉस बनाया है उसमें एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range) द्वारा बताई गई कीमत को जमा कर ले और वह स्टॉपलॉस रखें। ऐसा करने पर आप एक अच्छा स्टॉपलॉस ऑर्डर बनाते हैं जो कि आमतौर पर हिट नहीं होता है।
निष्कर्ष
हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी आप तक अच्छे से पहुंच गई होगी और आपको स्टॉप लॉस के बारे में अच्छी तरह से पता लग गया होगा। इसमें केवल वही निवेशक बना रह सकता है जो लालच कम करे और अगर उसको नुकसान झेलना पड़ रहा है तो कम नुकसान झेलकर इस मार्केट में बना रह सकता है। निवेशक के नुकसान को कम करने के लिए स्टॉपलॉस एक अच्छा जरिया है।
“स्टॉप लॉस क्या है? स्टॉप लॉस ऑर्डर कहां लगाना चाहिए?” को एक उत्तर
Kya stop loss/triger dalna jaruri hai
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