Physical Gold, Sovereign Gold Bond and Gold ETF के फायदे

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 अगर आप सोना निवेश के उद्देश्य के लिए खरीद रहे हैं तो आपको बता दें कि फिजिकल गोल्ड लेने की बजाय अगर आप डिजिटल गोल्ड विकल्पों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे तो आप यह पाएंगे कि ऑनलाइन सोना खरीदने में ज्यादा मुनाफा होता है। क्योंकि गोल्ड बॉन्ड खरीदने से आपको सोने में वृद्धि के साथ-साथ अतिरिक्त ब्याज दर भी मिलती है जो कि लगभग ढाई से तीन प्रतिशत सालाना होती है। आज हम फिजिकल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एवं गोल्ड ईटीएफ में अंतर में जानेंगे। जिससे कि हमें पता चले कि किस तरह के सोने में निवेश करने का सबसे ज्यादा फायदा होता है।

फिजिकल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एवं गोल्ड ईटीएफ में अंतर - Physical Gold, Sovereign Gold Bond and Gold ETF Comparison

सोने के सिक्के या सोने के गहने खरीदने के फायदे और नुकसान:

सोने के गहने या सिक्के खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह आपको भौतिक रूप से यह एहसास देता दिलाते हैं कि आपके पास संपत्ति है। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि इस संपत्ति के साथ बहुत ज्यादा जोखिम भी होते हैं। जैसे कि घर पर रखे गहने या सोने के सिक्के कभी भी चोरी हो सकते हैं। 

दूसरे नंबर पर इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि गहने खरीदते वक्त आपको मे गोल्ड किंग चार्जेस देने पड़ते हैं जो की बहुत ज्यादा होते हैंगोल्ड कुछ बार तो 25% तक चले जाते हैं।

मापदंडसोने के सिक्के या सोने के गहने
परिभाषाफिजिकल गोल्ड में निवेश आभूषणों, सिक्कों एवं बुलियन (सोने की ईट) के रूप में बैंक एवं ज्वेलर्स से खरीदारी द्वारा किया जाता है।
शुद्धतासिक्कों एवं बुलियन (सोने की ईट) फिजिकल गोल्ड की शुद्धता 99.5 प्रतिशत या उससे कम हो सकती है। सोने के गहनों केकेस में 92% या उससे कम शुद्धता होती है।
मूल्यफिजिकल गोल्ड का मूल्य सदैव एक समान नहीं रहता है क्योंकि यह मांग, आपूर्ति एवं अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है।
अतिरिक्त मूल्यफिजिकल गोल्ड को गहनों के रूप में खरीदने के लिए लगभग 25% अतिरिक्त मूल्य चुकाना होता है जिसमें मेकिंग चार्जेस, वेस्टेज चार्जेस एवं जीएसटी सम्मिलित होते हैं।
निवेशफिजिकल गोल्ड में भारी निवेश की आवश्यकता होती है क्योंकि गोल्ड बुलियन (सोने की ईट) न्यूनतम 10 ग्राम की मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं।
लिक्विडिटीफिजिकल गोल्ड सरलतापूर्वक किसी भी बैंक अथवा ज्वैलर से खरीदे एवं बेचे जा सकते हैं। लेकिन इसमें यह दिक्कत आती है किसोनार 10% कम पैसे देता है गहनों के केस में क्योंकि उनमें 92% की शुद्धता होती है।
भंडारण शुल्कफिजिकल गोल्ड को घर पर संभाल के रखना एक बहुत ही जिम्मेदारी का काम होता है और इसमें चोरी का जोखिम हमेशा बना रहता है। अगर आप सोने को बैंक लॉकर में रखते हैं तो आपकोअतिरिक्त सालाना बैंक लॉकर का खर्चा पड़ता है। जो कि लगभग 1300 रुपए हर साल का होता है।
कर निर्धारणयदि निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों से पूर्व रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का जाता है। इससे प्राप्त आय को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा फिजिकल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के पश्चात रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लोंग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सर चार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस (4%) इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।


गोल्ड ईटीएफ के फायदे - Gold ETF Benefits in Hindi

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) शेयर बाजार में ट्रेड होने वाला एक फंड होता है जिसमें निवेश करने का मतलब यह होता है कि आप 99.5% शुद्धता वाले सोने में निवेश कर रहे हैं। इस तरह के ETF का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसमें चोरी का किसी भी तरह का डर नहीं होता है। क्योंकि आप ऑनलाइन डिजिटल सोना खरीद रहे और जिसके कारण इसको संभालने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह सोना शेयर के रूप में आपके डिमैट अकाउंट में होता है। इसका एक और फायदा यह होता है कि आप इसको कभी भी कहीं भी बेच सकते हैं।

मापदंडगोल्ड ईटीएफ
परिभाषाडिजिटल गोल्ड में निवेश अनेकों ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे कि जीरोधा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के द्वारा किया जाता है।
शुद्धताडिजिटल गोल्ड की शुद्धता 99.5% होती है।
मूल्यडिजिटल गोल्ड के इश्यू प्राइस संबंधित कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जाते हैं।
अतिरिक्त मूल्यडिजिटल गोल्ड में केवल 3% जीएसटी लागू होता है।
निवेशडिजिटल गोल्ड के निवेश में लचीलापन होता है क्योंकि इसमें निवेश कीमत अथवा भार के आधार पर किया जा सकता है। डिजिटल गोल्ड में न्यूनतम ₹100 की राशि के साथ भी निवेश किया जा सकता है।
लिक्विडिटीडिजिटल गोल्ड को कभी भी बेचा जा सकता है एवं सोने के सिक्कों में रिडीम किया जा सकता है एवं होम डिलीवरी भी प्राप्त जा सकती है।
भंडारण शुल्कडिजिटल गोल्ड आपके डिमैट अकाउंट में होता है। जिसका मतलब है कि आपका सोना चोरी नहीं हो सकता है। डिजिटल गोल्ड को रखने का सालाना खर्च डिमैट अकाउंट चार्जेस लगभग ₹200 होते हैं। और ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर इसे मुफ्त मेंप्रदान करते हैं
कर निर्धारणयदि निवेशक द्वारा डिजिटल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के पहले रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय सख्ती से कर योग्य नहीं है।

यदि निवेशक द्वारा डिजिटल गोल्ड की खरीद के 36 महीनों के बाद रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सरचार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस 4% इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।

मैं व्यक्तिगत रूप से आपको गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए निम्नलिखित प्लेटफार्म Zerodha में खाता खोलने की सलाह देता हूं: (इस प्लेटफार्म में खाता खोलने के साथ आप गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के साथ-साथ स्टॉक मार्केट में भी निवेश कर सकते हैं और अच्छे से शेयर में निवेश कर धन अर्जित कर सकते हैं):

आपको बता दें Zerodha देश का नंबर वन डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर है और यह SEBI (Securities and Exchange Board of India) के साथ रजिस्टर्ड है जिसका मतलब है कि आपका निवेश सुरक्षित है।

सावरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे - Sovereign Gold Bond Ke Fayde

यह सरकार के द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड होते हैं। जिनमें इच्छुक निवेशक निवेश करके सोने में डिजिटल निवेश कर सकते हैं और साथ ही मेंअपने निवेश पर अतिरिक्त 2 से 3% तक का ब्याज भी पा सकते हैं। मतलब यह है कि अगर आपके सोने का भाव बढ़ेगा तो आपको सोने के भाव के साथ-साथ जितनी भी रकम के अपने गवर्नमेंट गोल्ड बॉन्ड खरीदे होंगे उतनी रकम पर आपको ब्याज भी मिलता रहेगा। 

अभी तक लंबे समय के लिए सोने में निवेश का यह सबसे अच्छा तरीका है। जिसमें की सरकार की दखल अंदाजी के कारण अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है और साथ ही में सरकार की गारंटी भी रहती है कि आपका सोने में किया गया निवेश सुरक्षित है।

इसमें सिर्फ एक कमी होती है कि इसमें आपको लॉकिंग पीरियड होता है। इसको आप जब चाहे बेच नहीं सकते हैं एक बार निवेश करने पर आपको 8 साल तक इंतजार करना पड़ेगा 8 साल के बाद ही आप अपने गोल्ड बॉन्ड को बेच सकते हैं।

सरकार गवर्नमेंट सावरेन गोल्ड बॉन्ड को हर दो-तीन महीने में एक बार निकालती है।

सावरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए आपके पास डिमैट अकाउंट होना चाहिए। इसके लिए आप भारत के नंबर वन स्टॉक ब्रोकर एंजेल वन (Angel One) के साथ 15 मिनट में अपना अकाउंट अभी खोल सकते हैं और सोने में निवेश करना शुरू कर सकते हैं:

मापदंडसावरेन गोल्ड
परिभाषासावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं जिन का प्रमुख उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना है।
शुद्धतासावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सरकार द्वारा प्रदान की गई सिक्योरिटी है जिसकी प्रत्येक यूनिट का मूल्य 99.5% शुद्ध सोने के समतुल्य होता है।
अतिरिक्त मूल्यसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सभी अतिरिक्त खर्चों से पूर्ण रूप से मुक्त है।
निश्चित अवरुद्धता अवधिसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की निश्चित अवरुद्धता अवधि 5 वर्ष की होती है।
लिक्विडिटीसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 5 वर्ष की निश्चित अवरुद्धता अवधि के पश्चात ही स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
भंडारण शुल्कसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड प्रमाण पत्र एवं डिमैट फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण सुरक्षित एवं भंडारण शुल्क से मुक्त है।
अतिरिक्त लाभसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश 2.5% की दर से ब्याज प्रदान करता है। गोल्ड के मूल्य में होने वाली वृद्धि एवं इसमें सम्मिलित होने वाला ब्याज इसे और भी सुदृढ़ करते हैं।
निवेशसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के लिए लचीलापन उपलब्ध है क्योंकि निवेशक 1 ग्राम से निवेश प्रारंभ कर 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकता है।
कर निर्धारणयदि निवेशक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड स्टॉक एक्सचेंज के जरिए 1 वर्ष के भीतर बेचे जाते हैं तो प्राप्त गेन को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड का प्रीमेच्योर विड्रोल किया जाता है तो इससे प्राप्त आय पर कर (20%) लागू होता है।

यदि निवेशक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड का फुल मैच्योरिटी पर विड्रोल किया जाता है इसे प्राप्त आय पर कोई शुल्क लागू नहीं होता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश पर 2.5% की दर से ब्याज प्राप्त होता है। कुल प्राप्त ब्याज को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
डिमैट अकाउंटयदि निवेशक स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करना चाहता है तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है।

निष्कर्ष

फिजिकल गोल्ड का अन्य विकल्पों के साथ विश्लेषण के आधार पर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम अन्य विकल्पों की अपेक्षाकृत अधिक फायदेमंद है क्योंकि:

  • ऑनलाइन निवेश करने पर बचत होती है।
  • अत्यधिक होल्डिंग पीरियड के परिणाम स्वरूप उच्च रिटर्न संभव है।
  • 2.5% की दर से निरंतर प्राप्त होने वाला ब्याज इसे और अधिक सुदृढ़ करता है।
  • भारत सरकार द्वारा प्राप्त सुरक्षा की गारंटी इसे और अधिक विश्वसनीय बनाती है।
  • इंडेक्सेशन लाभ प्राप्त होता है एवं मैच्योरिटी रिडेंप्शन पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलती है।
  • डिमैट फॉर्म में उपलब्ध होने के परिणाम स्वरूप इनका उपयोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए संभव है।