क्या आपके लिए यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि थर्ड पार्टी बीमा या कंप्रिहेंसिव मोटर बीमा – कौन सा खरीदे? तो आप सही जगह पर है। यहां हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि हमें थर्ड पार्टी बीमा खरीदना चाहिए या पैकेज पॉलिसी (जिसको हम कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी भी कहते हैं)।
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जीवन बीमा लेते समय इन 10 बातों को ना करें अनदेखा
बीमा एक जोखिम प्रबंधन तकनीक है और हम इसे परेशानी रहित जीवन जीने की तकनीक के रूप में मान सकते हैं। हर कोई व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर सकता है। लेकिन हम में से कई इस तथ्य को यह कहकर अनदेखा कर देते हैं, “जाने दो और सब भगवान पर छोड़ दो!” क्या आप उनमें से एक हैं? अगर हाँ! फिर मत भूलें “भगवान स्वयं की मदद करने वालों की मदद करते हैं।” हमेशा भगवान में विश्वास रखें और अच्छे के लिए आशा करें। लेकिन इसके विपरीत, हमेशा सबसे खराब के लिए तैयार रहे। आज हम जीवन बीमा लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए पर चर्चा करेंगे।
Continue Readingहोम इंश्योरेंस क्या है? घर का बीमा कराने के फायदे क्या है?
क्या आप जानते हैं होम इंश्योरेंस क्या है? घर का बीमा कराने के फायदे क्या है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं। आज के इस पोस्ट को पढ़कर आप होम इंश्योरेंस के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर पाओगे। इसके साथ ही आप यह तय भी कर पाओगे कि क्या आपको घर का बीमा करवाना चाहिए या नहीं।
Continue Readingजीवन बीमा खरीदने से पहले अपने एजेंट से पूछें यह 9 सवाल
बीमा एक कानूनी अनुबंध है जिसमें दो पार्टियां (बीमा कंपनी और बीमा करवाने वाला व्यक्ति) आपसी सहमति में आती हैं। बीमा कॉन्ट्रैक्ट में बीमा कंपनी किसी व्यक्ति विशेष के जीवन के लिए सुरक्षा प्रदान करती है। जिसमें कोई दुर्घटना होने पर व्यक्ति विशेष को मुआवजा दिया जाता है या मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को मुआवजा दिया जाता है। इसके बदले व्यक्ति विशेष बीमा कंपनी को हर साल कुछ राशि प्रीमियम के रूप में देता है। आज हम जीवन बीमा खरीदने से पहले अपने बीमा एजेंट से कौन से सवाल पूछने चाहिए पर चर्चा करेंगे।
Continue Readingकैसे जाने कि बीमा कंपनी पंजीकृत है या नहीं
हर देश में बीमा उत्पादों और बीमा कंपनियों पर निगरानी रखने के लिए एक अथॉरिटी बनाई जाती है जो बीमा कंपनियों को पंजीकरण देती है और तय करती है कि कौन सा बीमा उत्पाद वह बेच सकती है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) की देखरेख में भारत में बीमा उद्योग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। आईआरडीएआई संस्था भारत सरकार द्वारा बीमा क्षेत्र को चलाने और विकसित करने के लिए बनाई गई है। यह बीमा कंपनियों को लाइसेंस जारी करती है और सभी बीमा कंपनियों पर निगरानी रखती है। यह सुनिश्चित करती है कि यह कंपनियां सही तरीके से बीमा पॉलिसी बेचे। आज हम जानेंगे कि कैसे पता करें बीमा कंपनी पंजीकृत है या नहीं।
Continue Readingजीवन बीमा पॉलिसी बंद कैसे करें – इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर
पॉलिसीधारक अपनी बीमा पॉलिसी को मेच्योरिटी से पहले सरेंडर कर सकते हैं अगर उन्होंने शुरुआत से तीन या पांच वर्षों के लिए प्रीमियम का भुगतान किया है (नई यूनिट लिंकड पॉलिसी के लिए, आईआरडीएआई ने लॉक-इन, पॉलिसी सेरेंडर करने का कम से कम समय, को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया है)। यदि पॉलिसीधारक प्रारंभ से कम से कम तीन या पांच साल के लिए प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहता है तो वह सरेंडर वैल्यू या पेड-अप वैल्यू प्राप्त करने के हकदार नहीं होता। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि जीवन बीमा पॉलिसी बंद कैसे करें?
Continue Readingबीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत कहां और कैसे करें?
अगर आप अपनी बीमा कंपनी की सेवाओं से संतुष्ट नहीं या आपकी बीमा कंपनी पॉलिसी में दी गई शर्तों का पालन नहीं कर रही है या आपकी शिकायत का निवारण नहीं कर रही है तो एक बीमा एजेंट की हैसियत से मैं आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा। जहां मैं आपको बताऊंगा कि आप बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत कहां-कहां पर दर्ज करवा सकते हैं।
Continue Readingआईआरडीए पंजीकृत जीवन बीमा कंपनियों की सूची 2020
हमने दुनिया भर में बीमा बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है और इस क्षेत्र में भारत में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत में तेजी से बढ़ रहा बीमा बाजार कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को लुभा रहा है। कई प्रसिद्ध कंपनियां इस समय का लाभ लेना चाहती हैं और इसीलिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा बीमा कंपनियों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र) की सूची दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। आज हम आईआरडीए पंजीकृत कंपनी सूची देखेंगे। इस लिस्ट में दी गई जीवन बीमा कंपनियां संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त है और इन को भारत में बीमा उत्पाद बेचने की अनुमति है।
Continue Readingजीवन बीमा पॉलिसी बंद करने से पहले इन विकल्पों पर विचार करें
क्या आप अपनी जीवन बीमा पॉलिसी बंद करने जा रहे हैं? क्या आप जानते हैं कि पॉलिसी सरेंडर किए बिना अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आपके पास कुछ विकल्प हैं?
यदि आपको नहीं पता कि आपके लिए अन्य विकल्प उपलब्ध हैं तो आप सही जगह पर हैं। इस पोस्ट में, हम आपको कुछ विकल्प बताएंगे जिन्हें आप पॉलिसी बंद करने से पहले विचार कर सकते हैं। व्यावहारिक रूप से, बीमा पॉलिसी आत्मसमर्पण एक अच्छा विकल्प नहीं है क्योंकि यह सरेंडर चार्ज जैसे जुर्माने के अधीन है। इसलिए ऐसा करने से पहले अन्य विकल्पों के बारे में सोच लेना चाहिए।
Continue Readingक्या जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए?
बीमा किसी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह किसी व्यक्ति को अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। साथ ही साथ वह अपने प्रियजनों को अपनी समयपूर्व मृत्यु पर आने वाली आर्थिक तकलीफों से बचा सकता है। परिवार के मुखिया की मृत्यु होने के बाद परिवार आर्थिक मंदी में आ जाता है और उसका जीवन दूबर हो जाता है। लेकिन जीवन बीमा होने से परिवार को बीमा कंपनी द्वारा आर्थिक सहायता मिलती है। जिससे परिवार का दुख तो कम नहीं होता पर वह आर्थिक तौर पर अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है। आज यहां हम देखेंगे कि जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी चाहिए या नहीं।
Continue Readingहेल्थ इन्शुरन्स क्लेम लेने के लिए उपयोगी टिप्स
अप्रत्याशित चिकित्सा आपातकालीन स्थिति किसी भी समय घट सकती है। इसलिए हर किसी को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। एक स्वास्थ्य बीमा योजना होने से मन को शांति मिलती है कि हम अप्रत्याशित चिकित्सा एमरजैंसी स्थिति का सामना करने के लिए वित्तीय रूप से तैयार हैं। स्वास्थ्य बीमा मेडिकल एमरजैंसी में आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार किया गया है। लेकिन कुछ बार ऐसा देखा गया है कि कुछ पॉलिसीधारकों के कुछ निश्चित वजहओ के कारण हेल्थ इन्शुरन्स क्लेम बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकार कर दिए जाते हैं जो की बहुत ही निराशाजनक होता है।
Continue Readingहेल्थ इंश्योरेंस क्लेम – स्वास्थ्य बीमा दावा कैसे करें?
स्वास्थ्य बीमा दावा दो तरह का होता है: कैशलेस और रिम्बर्समेंट (प्रतिपूर्ति)। ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा कंपनियां सूचीबद्ध हॉस्पिटल में इलाज कराने पर कैशलेस सुविधा प्रदान करती है जिसमें पॉलिसी धारक को अस्पताल के खर्चे खुद से नहीं देने पड़ते। लेकिन कुछ बीमा कंपनियां कैशलेस सुविधा प्रदान नहीं करती ऐसे में पॉलिसी धारक को हस्पताल, टेस्ट, एक्स रे, और दवाइयों जैसे खर्चे अपनी जेब से देने पड़ते हैं और बाद में रिम्बर्समेंट मोड के तहत वह कंपनी को असली बिल दिखाकर क्लेम ले सकता है। अगर आपकी पॉलिसी में कैशलेस और रिम्बर्समेंट दोनों ऑप्शन है तो यह आप पर निर्भर करता है कि आप कौन से ऑप्शन का चुनाव करते हैं लेकिन ऐसी स्थिति में कैशलेस मोड चुनना ही बेहतर होता है। यहां हम देखेंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कैसे किया जाता है।
Continue Readingआईआरडीए पंजीकृत स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की सूची
बीमा बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा है। आज आप भारत में अलग-अलग तरह के जीवन बीमा और गैर-जीवन बीमा उत्पादों को पा सकते हैं इसलिए इस बाजार को पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए सख्त नियम और विनियमों की दृढ़ता से आवश्यकता है। एक पारदर्शी तरीके से बीमा सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) एजेंसी भारत की सभी बीमा कंपनियों पर नजर रखती है। आज हम आईआरडीए पंजीकृत स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की सूची देखेंगे जो की पॉलिसी खरीदने से पहले हमें जरूर देखनी चाहिए।
Continue Readingबाइक/कार इन्शुरन्स पॉलिसी में क्या शामिल होता है
आप शायद जानते हो कि भारत में सड़क पर वाहन चलाने के लिए कानूनी रूप से आपके पास थर्ड पार्टी मोटर बीमा या कंप्रिहेंसिव मोटर बीमा होना चाहिए। इसीलिए जब सड़क पर पुलिस यह पाती है कि किसी व्यक्ति के पास बाइक/कार इन्शुरन्स पॉलिसी नहीं है तो वह उसको जुर्माना लगाती है। भारत में मूल रूप से दो प्रकार के मोटर बीमा पॉलिसी मौजूद हैं: थर्ड पार्टी पॉलिसी और पैकेज पॉलिसी। देयता बीमा पॉलिसी चोट, मौत या संपत्ति के नुकसान के लिए तीसरे पक्ष को आपकी ओर से क्षति पूर्ति के लिए मुआवजा देती है।
Continue Readingदोपहिया या कार इन्शुरन्स खरीदने से पहले जान ले यह बातें
दोपहिया इन्शुरन्स या कार इन्शुरन्स चोरी, क्षति, चोट, तीसरे पक्ष की देनदारियों आदि के लिए एक व्यक्ति और उसके वाहन को सुरक्षा प्रदान करता है। यात्रा हमारे जीवन का एक हिस्सा है। हम एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल करते हैं और इस दौरान दुर्घटना की संभावना बनी रहती है क्योंकि हजारों वाहन एक ही समय में सड़क पर चल रहे होते हैं। यदि आपका वाहन किसी व्यक्ति या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो वह व्यक्ति मुआवजे की मांग कर सकता है।
Continue Readingएन्युइटी क्या है? वार्षिकी पेंशन प्लान के प्रकार
एन्युइटी (वार्षिकी) योजनाएं किसी व्यक्ति को जीवन के चरण (जिसमें वह अपने मूल जीवन व्यय को कवर करने के लिए काम नहीं कर सकता है) में पहुंचने पर वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। रिटायरमेंट के बाद, हर कोई नियमित आय स्रोत चाहता है यही कारण है कि कई नियोक्ता अपने कर्मचारियों के लिए नियमित आय स्रोत प्रदान करने के लिए व्यावसायिक पेंशन योजनाएं स्थापित करते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जिनके नियोक्ता व्यावसायिक पेंशन योजनाएं प्रदान नहीं करते हैं। सेवा-निवृत्ति होने के बाद एक परेशानी मुक्त जीवन जीने के लिए हमें आज से ही योजना बनानी चाहिए। आज के इस पोस्ट में हम देखेंगे की एन्युइटी और वार्षिकी पेंशन प्लान के प्रकार क्या हैं?
Continue Readingबीमा के प्रकार, महत्व और लाभ संक्षेप में
आजकल बहुत सारे बीमा उत्पाद उपलब्ध है और लगभग हर किसी व्यक्ति और वस्तु का बीमा करवाया जा सकता है। किसी साधारण व्यक्ति के लिए बीमा के प्रकार जानना महत्वपूर्ण नहीं होगा लेकिन पेशेवर लोग जैसे कि फाइनेंशियल एडवाइजर, बीमा एजेंट या इससे जुड़े लोगों के लिए ऐसी बुनियादी जानकारी होना बहुत जरूरी होता है।
Continue Readingसही हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदने के लिए 12 चरणों का करें पालन
आज की उथल-पुथल भरी दुनिया में, हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी और जीवन बीमा परेशानी मुक्त जीवन जीने के लिए बहुत जरूरी बन गए हैं। ये उपकरण हमें दुर्घटना या बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने के अप्रत्याशित खर्चों से बचाते हैं और मृत्यु की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता देते हैं। कोई अप्रिय घटना घटित होने पर स्वास्थ्य बीमा बीमित और उसके प्रियजनों की प्रतिपूर्ति करता है।
इसलिए मेडिक्लेम पॉलिसी एक बेहतरीन विकल्प है जब कोई अपने प्रियजनों को अप्रत्याशित चिकित्सा संबंधित घटनाओं के खिलाफ सुरक्षित करना चाहते हैं। आम तौर पर हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी दुर्घटना या बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में किए गए चिकित्सा खर्च को शामिल करता है और बीमित व्यक्ति की मृत्यु के मामले में बीमा कंपनी नॉमिनी को वित्तीय सहायता देती है।
Continue Readingहेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन- हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता
स्वास्थ्य बीमा में जिन रोगों/स्थितियों/घटनाओं को शामिल नहीं किया जाता है उनको हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन कहा जाता है। ऐसी कई प्रकार की चिकित्सीय स्थितियां (हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूजन) हैं जो आपकी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी द्वारा कवर नहीं की जाती। इसलिए आपके लिए सावधानीपूर्वक पढ़ना अच्छा होगा कि आपकी पॉलिसी में कौन-कौन से एक्सक्लूजन मौजूद है? आम तौर पर, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद बीमित व्यक्ति को ईमेल या डाक के माध्यम से अपने नेटवर्क में डॉक्टरों की एक सूची के साथ नियमों और शर्तों की सूची भी प्राप्त होती है।
Continue Readingजीवन बीमा के प्रकार, लाभ, और महत्त्व
आज की अनिश्चित दुनिया में, जीवन बीमा एक आवश्यकता बन गया है। परिभाषा के अनुसार, बीमा दो पक्षों (बीमाकृत और बीमाकर्ता) के बीच एक कानूनी अनुबंध है जिसमें एक पार्टी (पॉलिसीधारक) प्रीमियम का भुगतान करने के लिए सहमत होता है और बदले में, दूसरी पार्टी (बीमाकर्ता) हानि की स्थिति पर बीमा राशि का भुगतान करती है। आज के इस युग में हर किसी के पास एक जीवन बीमा प्लान होना चाहिए। आज के पोस्ट में, हम जीवन बीमा क्या है, जीवन बीमा के प्रकार, लाभ, और महत्त्व पर चर्चा करेंगे।
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